इस लेख में

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Anna Churakova

एक ऐसा व्यक्ति होने के नाते जो हमेशा दुनिया के बारे में कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहता है और विदेशी भाषाओं को सीखने का शौकीन है, टेक्नोलॉजी अनुवादक, फिनटेक उत्पादों के लिए टेक्नोलॉजी लेखक और कॉपीराइटर के रूप में काम करते हुए मुझे विभिन्न क्षेत्रों में पाठ के साथ बहुत अनुभव हुआ।  

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शुद्धिकारक

Tamta Suladze

तमता जॉर्जिया में स्थित एक कंटेंट राइटर है, जिसके पास समाचार आउटलेट, ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टो व्यवसायों के लिए वैश्विक वित्तीय और क्रिप्टो बाजारों को कवर करने का पांच साल का अनुभव है। उच्च शिक्षा की पृष्ठभूमि और क्रिप्टो निवेश में व्यक्तिगत रुचि के साथ, वह नए क्रिप्टो निवेशकों के लिए जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने वाली जानकारी में तोड़ने में माहिर हैं। तमता का लेखन पेशेवर और प्रासंगिक दोनों है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उसके पाठकों को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और ज्ञान प्राप्त हो।

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ट्रेडिंग सत्र क्या होता है: ट्रेडिंग के लिए सबसे बेहतरीन समय का चयन करना

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वैश्विक बाज़ारों के विस्तार के चलते लोगों के लिए दूसरे देशों के स्टॉक और अन्य एसेट्स को ट्रेड करना मुमकिन हो गया है। FX ट्रेडिंग दिन के चौबीस घंटे खुली रहती है, लेकिन अलग-अलग ट्रेडिंग सत्रों के कारण एसेट्स को विशिष्ट समय पर ही ट्रेड किया जाना चाहिए। इन सत्रों के प्रमुख कारणों को समझना ट्रेडिंग के लिए सबसे बेहतरीन समय और एसेट्स का निर्धारण करने के लिए अहम होता है।

इस लेख में हम इस सवाल का जवाब देंगे: ट्रेडिंग सत्र क्या होता है? इसके अलावा, हम प्रमुख प्रकार के सत्रों के बारे में भी चर्चा करेंगे।

प्रमुख बिंदु

  1. ट्रेडिंग सत्र उस अवधि को कहते हैं, जिसके दौरान स्टॉक एक्सचेंज अलग-अलग सिक्योरिटीज़ को ट्रेड करने के लिए खुले होते हैं।
  2. ट्रेडिंग सत्र अलग-अलग प्रकार के होते हैं, जैसे आफ़्टर-आवर्स और प्री-आवर्स।
  3. ट्रेडिंग की चार प्रमुख अवधियों के नाम चार अहम वित्तीय शहरों के नाम पर हैं — न्यूयॉर्क, टोक्यो, सिडनी, और लंदन।

ट्रेडिंग सत्र क्या होता है?

ट्रेडिंग सत्र उस एक्टिव ट्रेडिंग अवधि को कहते हैं, जिसके दौरान कोई स्टॉक एक्सचेंज खुला होता है, जिसके चलते ट्रेडर स्टॉक, बॉन्ड, और कमोडिटी जैसी सिक्योरिटीज़ की खरीद-फ़रोख्त कर सकते हैं।

स्टॉक, फ़्यूचर, बॉन्ड, और विदेशी मुद्रा की बाज़ार वाली विशेषताएँ उनके सत्रों को परिभाषित करती हैं। अलग-अलग जगहों पर ये सत्र भी अलग-अलग होते हैं। ट्रेडिंग अवधि की टाइमिंग और प्रकार निवेश वाले फ़ैसलों, रणनीतियों, और बाज़ार के प्रदर्शन के लिए अहम होते हैं।

What is a trading session?

किसी स्टैंडर्ड स्टॉक एक्सचेंज सत्र में तीन चरण होते हैं: प्री-ओपनिंग, कंटीन्यूअस, और क्लोज़िंग। प्री-ओपनिंग फ़ेज़ के दौरान ऑर्डर एंट्री और संशोधन किए जा सकते हैं, कंटीन्यूअस फ़ेज़ के दौरान ज़्यादातर ट्रेडिंग ही होती है, और क्लोज़िंग फ़ेज़ के दौरान फ़ाइनल ऑर्डरों को प्रोसेस किया जाता है। तो कोई ट्रेडिंग सत्र आखिर कितना लंबा होता है? इसका जवाब है कि इसकी अवधि किसी स्थानीय वित्तीय बाज़ार के खुलने से लेकर उसके बंद होने तक के एक व्यावसायिक दिवस जितनी होती है।

दुनियाभर में अलग-अलग प्रकार के एसेट्स के अलग-अलग ट्रेडिंग आवर्स होते हैं, और अपने ट्रेडिंग आवर्स को प्लैन करने के लिए ट्रेडरों को इन शेड्यूलों से वाकिफ़ होना चाहिए।

दुनियाभर में ज़्यादातर मार्केट आवर्स सोमवार से शुक्रवार तक खुले और शनिवार-रविवार को बंद रहते हैं। तो एक साल में आखिर कितने ट्रेडिंग डे होते हैं? इसकी सटीक संख्या बाज़ार दर बाज़ार और देश दर देश भिन्न होती है। अमेरिका में 252 ट्रेडिंग दिवस होते हैं, लेकिन वह इसलिए कि क्रिसमस जैसी बड़ी-बड़ी छुट्टियों को छोड़कर इस देश के पास छुट्टियों के हफ़्ते के एक ही दिन पड़ने की स्थायी एडवांटेज है।

बाकी देश इस मामले में इतने खुशकिस्मत नहीं हैं, इसलिए हर देश के ट्रेडिंग दिवसों का हिसाब अलग से लगाया जाना चाहिए।

बाज़ार के खुलने-बंद होने के साथ-साथ एसेट्स और सिक्योरिटीज़ की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी आते हैं, क्योंकि व्यावसायिक न्यूज़ या घोषणाएँ ट्रेडरों की ट्रेडिंग रणनीतियों को प्रभावित करती हैं। 

उदाहरण के लिए, कोई FX बाज़ार बेहद परिवर्तनशील होता है व दो या दो से ज़्यादा सत्रों के ओवरलैप होने की अवधि के दौरान वह मुद्राओं के जोड़ों की ट्रेडिंग में मददगार साबित होता है।

ओवरलैप होने वाले सत्रों के दौरान मुद्रा एक्सचेंज का लाभ उठाने के लिए ट्रेडर सपोर्ट, रेज़िस्टेंस, या ब्रेकआउट रणनीतियाँ अपनाकर देख सकते हैं। अलग-अलग ट्रेडिंग सत्रों में अस्थिरता के अलग-अलग स्तर देखने को मिलते हैं, जो किसी सत्र की विभिन्न विशेषताओं को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे, औसत पिप मूवमेंट प्रति ट्रेडिंग सत्र।

An example of an average pip movement during a trading session

बाज़ार के सत्र को क्या प्रभावित करता है

FX सत्र कई फ़ैक्टरों से प्रभावित हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:

आर्थिक & राजनीतिक घटनाएँ

रोज़गार की आंकडों, GDP, और केंद्रीय बैंक के फ़ैसलों समेत आर्थिक डेटा बाज़ार की गतिशीलता को अहम रूप से प्रभावित करता है। अस्थिरता से बचने के लिए निवेशकों को वित्तीय खबरों की जानकारी रख अपेक्षित रिलीज़ का इंतज़ार करना चाहिए।

राजनीतिक घटनाएँ और नीतिगत बदलाव भी ट्रेडिंग की अस्थिरता में बढ़ोतरी ला सकते हैं। इसलिए बाज़ार की संभावित मूवमेंट्स की करीब से भविष्यवाणी करने के लिए ट्रेडरों को इन इवेंट्स पर नज़र रखनी चाहिए।

मार्केट ओवरलैप्स

मार्केट ओवरलैप्स तब होते हैं, जब एक-साथ दो-दो बड़े बाज़ार खुले रहकर ट्रेडिंग गतिविधि, लिक्विडिटी, और अस्थिरता में बढ़ोतरी ले आते हैं। एक बाज़ार के सेंटिमेंट से दूसरा बाज़ार भी प्रभावित होता है। किसी पोज़ीशन में एंटर करने से पहले बाज़ार के सेंटिमेंट के स्थिर हो जाने का इंतज़ार करने से आपके काफ़ी पैसे बच सकते हैं।

Factors that impact trading sessions

सोशल मीडिया

इंटरनेट ने निवेश और समाचारों की खपत को भारी रूप से प्रभावित किया है, जिसके चलते बाज़ार में मूवमेंट लाने वाली खबरों की खातिर निवेशकों के लिए बड़े-बड़े न्यूज़ पोर्टल्स को ट्रैक करना अहम हो गया है। लेकिन व्यक्तिगत स्टॉक्स के आधार पर स्टॉक्स के सुझाव देने वाली साइटों से उन्हें बचना चाहिए क्योंकि ये सुझाव किसी कंपनी के स्टॉक को प्रभावित कर सकते हैं।

फ़्राइडे ट्रेडिंग

शनिवार-रविवार को पोज़ीशन होल्ड कर जोखिम उठाने से बचने के लिए कई रिटेल और संस्थागत ट्रेडर अपनी इक्विटी को शुक्रवार शाम को लिक्विडेट कर देते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर ट्रेडर अपनी बुक्स में कोई पोज़ीशन रखना न चाहें, तो स्टॉक्स को अक्सर ट्रेडिंग के आखिरी कुछ घंटों के दौरान बेचा जा सकता है। शुक्रवार को किसी स्टॉक पोज़ीशन में एंटर या एग्ज़िट करते हुए इस अहम पहलू पर भी गौर कर लेना चाहिए।

ट्रेडिंग सत्र के प्रकार

मार्केट आवर्स अलग-अलग प्रकार के होते हैं: रेगुलर, आफ़्टर-मार्केट, ऑफ़-ट्रेडिंग, और प्री-मार्केट। आइए हरेक टाइप को करीब से जानते हैं।

Types of trading sessions

रेगुलर

“कोर ट्रेडिंग सत्र” के नाम से जाने जाने वाला रेगुलर सत्र NYSE और NASDAQ जैसे दुनियाभर के प्रमुख एक्सचेंजों द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमुख ट्रेडिंग अवधि होती है। यह सुबह के 9:30 बजे से शाम के 4:00 बजे EST तक होती है।

आफ़्टर-आवर्स

आफ़्टर-आवर्स ट्रेडिंग सत्र (जिसे एक्सटेंडेड ट्रेडिंग सत्र के नाम से भी जाना जाता है) किसी स्टॉक एक्सचेंज के ट्रेडिंग दिवस के बाद शुरू होता है। इसके तहत रेगुलर ट्रेडिंग आवर्स के बाहर भी स्टॉक्स की खरीद-फ़रोख्त की जा सकती है। अस्थिर प्री-मार्केट अवधि की ही तरह, इस तरीके के तहत आम ट्रेडिंग आवर्स के बाद भी निवेशक न्यूज़ इवेंट्स के प्रति अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। आय से संबंधित रिलीज़ या खबरों के अनुसार कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं, इसलिए स्टॉक्स को फ़टाफ़ट खरीदने-बेचने के लिए आफ़्टर-आवर्स ट्रेडिंग आवश्यक होती है।

अमेरिका में आमतौर पर आफ़्टर-आवर्स ट्रेडिंग शाम 4 बजे से लेकर रात 8 बजे, ईस्टर्न टाइम, तक की जाती है। 

प्री-मार्केट

प्री-ओपन सत्र अस्थिरता को कम कर ओपनिंग प्राइस निर्धारित करने वाली सिक्योरिटीज़ बाज़ार की रोज़मर्रा की खुलने की प्रक्रिया होती है। आमतौर पर सुबह 8 बजे से सुबह के 9:30 बजे EST तक चलने वाले प्री-मार्केट सत्र के दौरान ऑर्डरों को जमा, संशोधित, या रद्द किया जाता है, और ग्राहक लिमिट या मार्केट ऑर्डर डाल पाते हैं। ऑर्डर कलेक्शन विंडो सुबह के 9:07 बजे से लेकर 9:08 बजे के बीच बंद हो सकता है व ऑर्डरों को विंडो के बंद होने के बाद मैच और कन्फ़र्म किया जाता है।

ऑफ़-ट्रेडिंग

ऑफ़-ट्रेडिंग सत्र का इशारा रेगुलर सत्र के समाप्त होने के बाद वाली एक्सटेंडेड ट्रेडिंग अवधि की ओर होता है, जिसके तहत मुख्यतः संस्थागत और वित्तीय निवेशक अपनी-अपनी पोज़ीशनों को एडजस्ट कर सामान्य सत्र के दौरान एक्सीक्यूट किए गए लेन-देन को कवर कर पाते हैं। इस सत्र का आगाज़ रैंडम क्लोज़िंग टाइम पर होता है व यह 17:00 आवर्स पर समाप्त होता है, जिसमें केवल निर्दिष्ट ट्रेड रिपोर्ट लेन-देन ही दर्ज किए जाते हैं।

प्रमुख सत्र

ट्रेडिंग आवर्स प्रमुख वित्तीय नगरों के टाइम ज़ोन पर आधिर होते हैं:  लंदन, न्यूयॉर्क, सिडनी, और टोक्यो। इन शहरों के बड़े-बड़े बैंकों और कंपनियों की भारी-भरकम ट्रेडिंग भागीदारी के चलते इन 4 सत्रों के दौरान बाज़ार में सबसे ज़्यादा गतिविधि देखने को मिलती है।

4 major trading sessions

अमेरिकी ट्रेडिंग सत्र (न्यूयॉर्क)

न्यूयॉर्क सत्र के नाम से भी जाने जाने वाला अमेरिकी सत्र दुनिया के FX बाज़ार का एक अहम अंग है। दुनिया की FX वॉल्यूम के 16% हिस्से को इस सत्र में ट्रेड जो किया जाता है। यह एशियाई सत्र की क्लोज़िंग के बाद और यूरोपीय सत्र की ट्रेडिंग अवधि के बीच में, सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 5:00 बजे EST तक चलता है। NY सत्र सबसे अंत में खुलता है व खासकर इसके ओपनिंग और क्लोज़िंग आवर्स के दौरान ट्रेडिंग की भारी वॉल्यूम और बहुत ज़्यादा अस्थिरता देखने को मिलती है।

यूरोपीय ट्रेडिंग सत्र (लंदन)

वित्तीय और बैंकिंग सेक्टर में अपने प्रमुख स्थान के लिए मान्यता प्राप्त लंदन दुनिया के कुछ सबसे बड़े बैंकों वाला महानगर है। FX की रोज़मर्रा के लेन-देन की 34% वॉल्यूम के साथ लंदन सत्र को दुनिया के सबसे अहम और सबसे व्यापक ट्रेडिंग सत्र के तौर पर देखा जाता है। 

इसके आधिकारिक ट्रेडिंग आवर्स सुबह 7:30 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे GMT तक होते हैं। जर्मनी और फ़्रांस जैसे अन्य पूंजी बाज़ारों की उपस्थिति से इस अवधि का विस्तार हुआ है। लंदन सत्र एशिया और उत्तरी अमेरिका के सत्रों के साथ-साथ होता है व यह कीमतों के अपने भारी उतार-चढ़ाव के लिए बदनाम है।

एशिया ट्रेडिंग सत्र (टोक्यो)

टोक्यो सत्र के नाम से भी मशहूर एशियाई सत्र से बाज़ार के ट्रेडिंग आवर्स का आगाज़ होता है। बाज़ार के भागीदार इसका इस्तेमाल अपनी-अपनी रणनीतियाँ बनाने के लिए करते हैं। इसकी शुरुआत रात के 11:00 बजे होती है। एशियाई ट्रेडिंग सत्र की शुरुआत से बाज़ार की गतिविधियों का आगाज़ हो जाता है व यह न्यूज़ीलैंड या ऑस्ट्रेलिया के आर्थिक रिलीज़ से प्रभावित हो सकता है।

ऑस्ट्रेलिया ट्रेडिंग सत्र (सिडनी)

ऑस्ट्रेलियाई सत्र सोमवार से शुक्रवार को, दोपहर के 3 बजे EST पर शुरू होकर बारह बजे बंद होता है। इसकी लिक्विडिटी तो कम होती है, लेकिन मुद्रा पेयर ट्रेडिंग काफ़ी व्यापक होती है। अधिकतम एक्सचेंज इसके शुरुआती फ़ेज़ के दौरान ही होता है। ट्रेडर पोज़ीशन ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, स्कैल्पिंग, और डे ट्रेडिंग जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फ़्यूचर ट्रेडिंग सत्र

अन्य प्रकार के एसेट्स की तुलना में इसके कई फ़ायदे होते हैं, जिनमें पारंपरिक मार्केट आवर्स के बाद भी चौबीस घंटे की ट्रेडिंग शामिल होती है। फ़्यूचर बाज़ार दिन के लगभग 24 घंटे, हफ़्ते के छह दिन, रविवार शाम 6:00 बजे से लेकर शुक्रवार शाम 5:00 बजे EST तक काम करते हैं। इसके चलते ट्रेडरों को ज़्यादा लचीलापन और दिन के किसी भी समय अपनी पोज़ीशनों में फ़ेरबदल करने की आज़ादी मिलती है। 

फ़्यूचर्स ट्रेडिंग के तहत ट्रेडर सत्रों की अवसरवादी अवधियों और ट्रेडिंग के क्षेत्रों की पहचान कर विशिष्ट अवधियों से बचते हैं। फ़्यूचर ट्रेडिंग के सबसे बेहतरीन समय को ढूँढना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। ज़्यादा लिक्विडिटी और कीमतों की अस्थिरता वाली अवधियाँ ट्रेडिंग के लिए सबसे बेहतरीन होती हैं।

24 घंटे का ट्रेडिंग एक्सेस मुहैया कराकर अमेरिकी फ़्यूचर्स कृषि, कच्चे तेल, ऊर्जा, इक्विटी इंडेक्स, ब्याज दर, धातु, रियल एस्टेट, और मौसम जैसे विभिन्न क्षेत्रों से अंतर्राष्ट्रीय ट्रेडरों को आकर्षित करते हैं। इस पारदर्शी और विनियमित बाज़ार में अलग-अलग श्रेणियों में ट्रेडिंग के काफ़ी मौके होते हैं। 

अंतिम विचार

व्यापर और फ़ाइनेंस के जगत में ट्रेडिंग सत्रों की अहमियत को कम करके नहीं आँका जा सकता क्योंकि वे दुनियाभर की स्टॉक लिक्विडिटी और प्राइसिंग को प्रभावित करते हैं। विभिन्न बाज़ारों के काम करने की शैली को समझकर इस सवाल का जवाब देना “एक ट्रेडिंग सत्र आखिर क्या होता है?” अहम होता है क्योंकि इसके ज़रिये ट्रेडर ज़्यादा समझदार फ़ैसले लेकर इस बात का अंदाज़ा लगा सकते हैं कि सफल ट्रेडिंग में अलग-अलग सत्र आखिर कैसे मददगार साबित हो सकते हैं।

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Anna Churakova

एक ऐसा व्यक्ति होने के नाते जो हमेशा दुनिया के बारे में कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक रहता है और विदेशी भाषाओं को सीखने का शौकीन है, टेक्नोलॉजी अनुवादक, फिनटेक उत्पादों के लिए टेक्नोलॉजी लेखक और कॉपीराइटर के रूप में काम करते हुए मुझे विभिन्न क्षेत्रों में पाठ के साथ बहुत अनुभव हुआ।  

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तमता जॉर्जिया में स्थित एक कंटेंट राइटर है, जिसके पास समाचार आउटलेट, ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टो व्यवसायों के लिए वैश्विक वित्तीय और क्रिप्टो बाजारों को कवर करने का पांच साल का अनुभव है। उच्च शिक्षा की पृष्ठभूमि और क्रिप्टो निवेश में व्यक्तिगत रुचि के साथ, वह नए क्रिप्टो निवेशकों के लिए जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने वाली जानकारी में तोड़ने में माहिर हैं। तमता का लेखन पेशेवर और प्रासंगिक दोनों है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उसके पाठकों को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और ज्ञान प्राप्त हो।

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