किसी प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर से आपका व्यवसाय उड़ान कैसे भरेगा?
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खासकर प्रवेश बाधाओं को कम कर हाल ही में लॉन्च की गईं ब्रोकरेज फ़र्म्स को बाज़ार में अपने प्रतिद्वंदियों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए हर आवश्यक टूल से लैस करने वाली भारी टेक्नोलॉजिकल तरक्की की वजह से वित्तीय ट्रेडिंग और निवेश जगत में पल-पल बदलाव आ रहा है।
PAMM अकाउंट, स्ट्रेटेजी कॉपियर, और ऑटोमेटेड ट्रेडिंग मौजूदा ट्रेडिंग में टेक्नोलॉजी की दखलंदाज़ी के कुछ उदाहरण मात्र हैं। ब्रोकरेज जगत में लोगों का ध्यान आकर्षित करने वाली प्रॉप ट्रेडिंग एक इनोवेटिव बिज़नस मॉडल है।
प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर की बदौलत सबसे नामी ट्रेडरों को आकर्षित कर ब्रोकरेज की ओर से कंपनियाँ उनसे निवेश करवा पाती हैं, जिससे ज़्यादातर मामलों में दोनों ही पक्षों को फ़ायदा होता है। प्रॉप ट्रेडिंग क्या होती है और आप एक प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म कैसे शुरू कर सकते हैं, चलिए इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग का इशारा उन कंपनियों की ओर होता है, जो अपने ग्राहकों को ब्रोकरेज सेवाएँ मुहैया कराने के साथ-साथ खुद के लिए ट्रेड करती हैं।
- ब्रोकरेज हाउस में इन-हाउस निवेशक बनने से पहले प्रॉप ट्रेडरों को कई चुनौतियों से गुज़रना होता है।
- प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर को इंटीग्रेट करके अपनी गतिविधियों और प्रॉप ट्रेडरों की आय से कमाने के कंपनी के स्रोतों का विस्तार हो जाता है।
चलिए प्रॉप ट्रेडिंग को समझते हैं
प्रॉप ट्रेडिंग, यानी कि प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग, एक ब्रोकरेज मॉडल होता है, जिसके तहत कोई वित्तीय फ़र्म अपने ग्राहकों को सेवाएँ मुहैया कराने के साथ-साथ अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर खुद के लिए ट्रेडिंग भी करती है।
इस प्रकार, अपनी पूंजी और क्षमताओं का इस्तेमाल ब्रोकर वित्तीय मुनाफ़ा प्राप्त करने और एडवांस्ड ट्रेडिंग प्रणालियों, जोखिम प्रबंधन, और सफल ट्रेडिंग रणनीतियों का फ़ायदा उठाने के लिए करते हैं।
सबसे सफल ट्रेडरों को अपनी इन-हाउस टीम में आकर्षित कर उन्हें प्रॉपराइट्री ट्रेडर बनाने के लिए प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म्स अलग-अलग तौर-तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। ब्रोकरेज हाउस प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल अपनी विभिन्न वित्तीय सेवाओं के एक हिस्से के तौर पर करते हैं, ताकि बढ़ती माँग और एडवांस्ड टेक्नोलॉजियों के साथ उसका तालमेल बिठाया जा सके।
किसी प्रॉप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म को अपनाकर ब्रोकर अपनी सेवाओं का विस्तार कर पाते हैं, ज़्यादा उपयोगकर्ताओं को आकर्षित कर पाते हैं, और अपनी रिटर्न्स में बढ़ोतरी ला पाते हैं।
प्रॉप ट्रेडिंग आखिर कैसे काम करती है?
नए-नए निवेशकों के ट्रेडिंग कौशल की परीक्षा लेने के लिए प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग फ़र्म्स चुनौतियाँ निर्धारित करती हैं। निवेशकों के उन प्रॉप ट्रेडिंग चुनौतियों में पास हो जाने बाद उन्हें कंपनी की टेक्नोलॉजी, जोखिम पोर्टफ़ोलियो, और ट्रेडिंग पूंजी के एक्सेस वाला एक फ़ाइनेंस्ड अकाउंट मुहैया कराया जाता है।
ये चुनौतियाँ उम्मीदवारों को चयनित वित्तीय बाजारों या प्रतिभूतियों में व्यापार करने और विशेष लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए निर्देशित करती हैं, जैसे कि लाभ के लक्ष्य, न्यूनतम हानियाँ, या किसी विशेष स्तर की शुद्ध आय।
प्रॉप ट्रेडिंग चैलेंज के दौरान ट्रेडरों द्वारा कमाए गए फ़ायदे या उठाए गए नुकसान की एक तय प्रतिशत प्रॉप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की होती है। प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग फ़र्म की आय का यही स्रोत होता है, जिसमें सभी टास्क में सफलता हासिल कर एक इन-हाउस प्रॉप ट्रेडर बनकर बदलाव लाया जा सकता है।
इसके अलावा, स्वतंत्र प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करती हैं, जहाँ निवेशकों का एक समूह किसी एक ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े बगैर अन्य प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म्स को अपनी सेवाएँ प्रदान करता है।
प्रॉप ट्रेडिंग की विशेषताएँ
अपने स्टार्ट-अप को शुरू से या फिर अपने मौजूदा कारोबार की एक अतिरिक्त प्रोडक्ट लाइन के तौर पर लॉन्च करने पर कंपनियाँ प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर को अपना सकती हैं। एक प्रॉप ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म के इस्तेमाल के निम्न फ़ायदे होते हैं।
जोखिम प्रबंधन
आधुनिक प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर जोखिम प्रबंधन उपकरणों से लैस होता है, जो बाज़ार के ऊपर-नीचे होने वाली अस्थिरता को ध्यान में रखकर यह सुनिश्चित करता है कि ट्रेडर सोचे-समझे कदम उठाएँ। प्रॉप ट्रेडिंग कंपनियाँ यह सुनिश्चित करती हैं कि सभी चुनौतियों को पास कर सबसे बेहतरीन निवेशक और प्रोफ़ेशनल उन्हीं के लिए ट्रेड करें।
दूसरी तरफ़, पूंजी को भारी जोखिम में न डालने वाले सोचे-समझे फ़ैसले लेते-लेते कंपनी के संसाधनों और टेक्नोलॉजियों का इस्तेमाल कर प्रॉप ट्रेडर अपने जोखिम को कम से कम रखते हैं।
बाज़ार का आसान एक्सेस
फ़टाफ़ट बाज़ार में पहुँचकर मौजूदा फ़र्म्स के साथ मुकाबला करने के लिए ब्रोकरेज स्टार्ट-अप प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं। इस इनोवेटिव दृष्टिकोण की बदौलत कंपनियाँ बाज़ार के एक बड़े हिस्से को अपनी सेवाएँ मुहैया कराने से पहले पेशेवर ट्रेडरों के सामने चुनौतियों रख उन्हें पुरुस्कृत करने वाले एक नए नज़रिए को अपनाती हैं।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा और मिलती-जुलती सेवाएँ मुहैया कराने वाले ढेर सारे ट्रेडिंग ऑपरेटरों की वजह से यह रणनीति काफ़ी अहम हो जाती है।
पुख्ता टेक स्टैक
सही फ़ैसले लेने और निवेश करने के लिए ट्रेडिंग प्रॉप फ़र्म्स ब्रोकरेज हाउस के टेक्नोलॉजिकल सेट-अप और प्लेटफ़ॉर्मों पर निर्भर करती हैं। इसमें शामिल हैं व्यापक ट्रेडिंग प्लग-इन, विश्लेषण टूल्स, अल्गॉरिथमिक ट्रेडिंग, प्रबंधित अकाउंट, और बैक-ऑफ़िस प्रबंधन।
प्रॉप फ़र्म सॉफ़्टवेयर ट्रेडर को लिक्विडिटी के विस्तृत पूल्स और स्रोतों से जोड़ देता है, खासतौर पर जब उन्हें बाज़ार की गहरी पहुँच और भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम मुहैया कराने वाले टॉप वित्तीय लिक्विडिटी संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता हो।
कम नियामक प्रतिबंध
प्रॉप ट्रेडिंग बाज़ार अपेक्षाकृत नया है। इसलिए अनेक नियामक क्षेत्राधिकारों और वित्तीय प्राधिकरणों के अधीन आने वाले किसी विदेशी मुद्रा ब्रोकरेज फ़र्म के लॉन्च के विपरीत इस पर काफ़ी सारी नियम-कायदे लागू नहीं होते।
इसका मतलब हरगिज़ यह नहीं है कि एंटी-मनी लॉन्डरिंग (AML) एक्ट और नो यॉर क्लाइंट (KYC) प्रथाओं जैसे न्यूनाम सुरक्षा प्रोटोकॉलों का अनुपालन नहीं किया जाता।
रेवेन्यू की विस्तृत धाराएँ
स्वतंत्र रूप से ट्रेडिंग कर, अपने ग्राहकों को सेवाएँ मुहैया कराकर कमीशन प्राप्त कर, और प्रॉप ट्रेडरों की गतिविधियों से एक तय प्रतिशत प्राप्त कर प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म्स आय के अपने स्रोतों का विस्तार कर सकती हैं।
साथ ही, विदेशी मुद्रा प्रॉप फ़र्म्स के नियमों के तहत चैलेंजरों को भाग लेने के लिए एक तय शुल्क अदा करना होता है। अगर वे अपने कार्यों को पूरा नहीं करतीं, तो उन्हें दुबारा प्रॉप ट्रेडिंग चैलेंज को पास करना पड़ता है, जिससे ब्रोकर को बार-बार आय प्राप्त होती है।
किसी प्रॉप ट्रेडिंग फ़र्म को शुरू कैसे करें?
किसी भी अन्य कंपनी की तरह प्रॉप ट्रेडिंग बिज़नस मॉडल में प्रवेश करने के कुछ जोखिम भी होते हैं। लेकिन प्रॉप फ़र्म्स के सॉफ़्टवेयर की चुनौतियों के चलते टॉप निवेशकों को काम पर रखने की संभावना भी बढ़ जाती है।
सबसे पहले तो अपने क्षेत्र या फिर अपने लक्षित बाज़ार के इलाके में वित्तीय सेवाएँ मुहैया कराने से संबंधित उपयुक्त नियम-कायदों से आपको वाकिफ़ होना चाहिए। कोई भी परमिट प्राप्त करने से पहले ज़रूरी लाइसेंसिंग आवश्यकताओं के बारे में जाँच कर लें।
उसके बाद, अपना प्रॉप ब्रोकरेज कारोबार शुरू करने के लिए आपको टेक्नोलॉजिकल और वित्तीय साधन मुहैया कराने वाले किसी प्रॉप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म प्रदाता की तलाश कर लें।
आपके लिए ट्रेडिंग का आगाज़ करने वाले निवेशकों के लिए चुनौतियाँ और प्रवेश शुल्क निर्धारित कर दें। इनाम की एक उचित प्रणाली की व्यवस्था कर लें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रॉप ट्रेडर आपके प्लेटफ़ॉर्म पर रहकर आपको आय के स्रोत मुहैया कराते रहेंगे।
प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर की इंटीग्रेशन
अपने व्यवसाय के लिए सही प्रॉप सॉफ़्टवेयर की खोज करना अहम होता है क्योंकि बार-बार सप्लायर बदलने में काफ़ी पैसा और समय तो बर्बाद होता ही है, आपके ट्रेडर भी इससे नाखुश हो जाते हैं।
इसलिए किसी प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर में आपको इन 7 खूबियों की तलाश करनी चाहिए।
- ट्रेडरों का भरोसा जीतकर समुदायों के साथ जुड़ने के लिए विनियमित वित्तीय गतिविधियाँ और उचित प्रतिष्ठा।
- संभावित मुनाफ़ों में बढ़ोतरी लाने के लिए उच्च मूल्य वाली ट्रेडिंग पोज़ीशनों और मार्जिन अकाउंटों की एक्सीक्यूशन की सुविधा का एक्सेस।
- आपके बजट की सीमाओं या फिर स्केलेबिलिटी-संबंधी आवश्यकताओं को ध्यान में लेकर चलने वाले प्रतिस्पर्धात्मक सेट-अप और लॉन्च शुल्क।
- ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर के उचित काम-काज और तीसरी पार्टी वाले सप्लायरों के साथ सहज इंटीग्रेशन को सुनिश्चित करने के लिए एडवांस्ड टेक स्टैक।
- तेज़तर्रार भुगतान विधियों, लिक्विडिटी स्रोतों, कीमत में की जाने वाली अपडेट्स, और न्यूज़फ़ीड्स के साथ अपने प्लेटफ़ॉर्म का स्तर उठाने वाली इंटीग्रेशन की संभावनाएँ।
- नए प्रॉप ट्रेडरों के लिए आसान एक्सेसिबिलिटी को सुनिश्चित करने के लिए उचित ट्रेनिंग और ऑनबोर्डिंग मैकेनिज़्म।
- ट्रेडरों की गतिविधियों को सटीक और पारदर्शी ढंग से ट्रैक कर उनका विश्लेषण करने वाली उचित प्रॉप ट्रेडिंग चुनौतियाँ।
B2Prop: लाजवाब प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर
ब्रोकरों की ज़रूरतों को पूरा कर उनसे आगे जाने वाली टेक्नोलॉजियों और फ़ंक्शनैलिटीज़ द्वारा संचालित B2Prop हाल ही में लॉन्च किया गया एक प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर है।
प्रमुख वित्तीय समाधान प्रदाता, B2Broker, द्वारा पेश किया गया व उसके एडवांस्ड इकोसिस्टम द्वारा समर्थित नया B2Prop आपकी व्यावसायिक संभावनाओं में बढ़ोतरी लाने वाले प्रॉप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की सहज इंटीग्रेशन को सुनिश्चित करता है।
B2Prop को कई प्रकार के ट्रेडिंग उपकरणों और बाज़ारों का एक्सेस प्रदान करने वाले B2Broker के विस्तृत लिक्विडिटी स्रोतों और संबंधों का समर्थन प्राप्त है। B2BinPay ब्लॉकचेन और क्रिप्टो मुद्रा सपोर्ट के साथ अपनी कम्पेटिबिलिटी की वजह से B2Prop क्रिप्टो भुगतानों को भी सपोर्ट करता है।
अपनी आसान ऑनबोर्डिंग, कम शुल्क, और कस्टमाइज़्ड नज़रिए की वजह से B2Prop के साथ अपना प्रॉप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करना आसान होता है, जिससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि अपने व्यवसाय की आवश्यकतानुसार आप उसके फ़ीचर्स और फ़ंक्शनैलिटीज़ का चयन कर पाएँगे।
निष्कर्ष
प्रॉप ट्रेडिंग का इशारा उन ब्रोकरेज फ़र्म्स की ओर होता है, जो अपने ग्राहकों को निवेश सेवाएँ मुहैया कराने के साथ-साथ निजी लाभ के लिए वित्तीय ट्रेडिंग भी करती हैं।
अपनी सेवाओं का विस्तार करने के लिए ब्रोकरेज फ़र्म्स प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर को इंटीग्रेट करके विशिष्ट चुनौतियों को पास कर इन-हाउस प्रॉप ट्रेडर बनने के लिए सबसे नामी ट्रेडिंग प्रोफ़ेशनल्स को आकर्षित करती हैं।
सही ढंग से किए जाने पर प्रॉपराइट्री ट्रेडिंग जगत में प्रवेश काफ़ी फ़ायदे का सौदा हो सकता है। इसलिए आपके आय के स्रोतों का विस्तार कर आपके व्यवसाय को तरक्की की राह पर ले जाने के लिए उसे टेक्नोलॉजिकल और वित्तीय सपोर्ट मुहैया कराने वाले किसी विश्वसनीय प्रॉप ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर प्रदाता की आपको खोज करनी चाहिए।
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