काल्पनिक मूल्य क्या होता है व ब्रोकर उसका हिसाब कैसे लगाते हैं?
दुनियाभर के निवेशकों और ट्रेडरों के लिए स्पॉट ट्रेडिंग अब कोई आखिरी विकल्प नहीं रह गया है। ट्रेडिंग इंडस्ट्री की बाधाओं के कम होकर उसके द्वार इंटरनेट एक्सेस वाले सभी लोगों के लिए खुल जाने से लिवरेज्ड ट्रेडिंग रणनीतियाँ विकसित करना अहम हो गया है। लिवरेज की बदौलत विभिन्न ट्रेडिंग पोज़ीशनें प्राप्त कर व सीमित बजट्स के साथ मुनाफ़ा कमाकर निवेशक ऊँची उड़ान भर सकते हैं।
लेकिन लिवरेज्ड ट्रेडिंग प्रथाएँ काफ़ी जटिल होती हैं, व उनके लिए तकनीकी जानकारी और बारीकियों की अच्छी-खासी समझ अनिवार्य होती है। नहीं तो, आपका मार्जिन एकाउंट आपको एक मार्जिन कॉल में ले जाएगा, जहाँ ब्रोकरेज कंपनियाँ आपके समूचे पोर्टफ़ोलियो को ज़ब्त कर लेंगी। इस लेख में हम सबसे अहम सवालों के जवाब देंगे: काल्पनिक मूल्य क्या होता है? काल्पनिक मूल्य का हिसाब कैसे लगाया जाता है? इस कॉन्सेप्ट का इस्तेमाल कर बाज़ार के जोखिमों को हेज कैसे किया जा सकता है?
प्रमुख बिंदु
- काल्पनिक मूल्य किसी अनुबंध में दिखाई देने वाले किसी बुनियादी एसेट का कुल मूल्य होता है। यह अनुबंध के मूल्य से अलग होता है।
- निवेश समझौतों के दौरान संभावित मुनाफ़ों और बाज़ार के एक्सपोज़र को समझने के लिए काल्पनिक मूल्य अहम होते हैं।
- काल्पनिक मूल्य को फ़्यूचर्स, स्वैप्स व कई अन्य उपकरणों जैसे डेरीवेटिव अनुबंधों में शामिल किया जाता है।
लिवरेज्ड ट्रेडिंग क्या होती है?
काल्पनिक मूल्य की अवधारणा पर चर्चा करने से पहले आधुनिक ट्रेडिंग में चलिए लिवरेज की प्रकृति का विश्लेषण कर लेते हैं। क्योंकि निवेश उद्योग अब सिर्फ़ धनवान लोगों तक ही सीमित नहीं रह गया है, अपनी रिटेल ट्रेडिंग ऑडियंस को सशक्त करने के लिए हेज फ़ंड या अन्य बड़े-बड़े संस्थानों, ब्रोकरेज कंपनियों एवं एक्सचेंजों ने नए-नए मैकेनिज़्म ईजाद कर लिए हैं।
लिवरेज्ड ट्रेडिंग को मार्जिन ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रथा के तहत अपनी निवेश रणनीतियों से ट्रेडर अपने संभावित मुनाफ़ों के कुल मूल्य में बढ़ोतरी ला पाते हैं। मान लीजिए एक निवेशक के तौर पर आपके पास महज $5,000 ही हैं, और आपको यकीन है कि आने वाले महीनों में Nvidia का मौजूदा मार्केट प्राइस दोगुना होने वाला है। Nvidia की बेहद आशाजनक अनुमानित ग्रोथ के बावजूद, अगले कई महीनों में आपकी समूची निवेश पूंजी पर सिर्फ़ $5,000 की रिटर्न ही आती है।
लेकिन एक ट्रेडर के तौर पर एक ब्रोकरेज एकाउंट बनाकर Nvidia के स्टॉक पर अपने डेरीवेटिव समझौते के लिए अनुबंध के आकार में आप बढ़ोतरी ला सकते हैं। एक फ़्यूचर्स अनुबंध प्राप्त कर अपनी आरंभिक निवेश राशि और ट्रैक रिकॉर्ड के अनुसार आप 2 से 50 तक का लिवरेज अनुपात प्राप्त कर सकते हैं।
इसका मतलब यह है कि बुनियादी एसेट का स्वामित्व प्राप्त किए बगैर Nividia के स्टॉक को आप किसी विशिष्ट तारीख पर खरीद और बेच पाएँगे। नतीजतन, अपने सही अनुमानों से आप कहीं ज़्यादा पैसा कमा सकते हैं।
Nvidia के उदाहरण की ही बात करें, तो एक 5:1 लिवरेज अनुपात हासिल कर आपकी कमाई $5,000 के बजाय $25,000 हो जाएगी। ज़ाहिर-सी बात है कि एक्सीक्यूशन तक अपनी पोज़ीशन को बनाए रखने के लिए आपको एक ब्याज दर भी अदा करनी होगी, लेकिन एसेट के स्वामित्व की तुलना में यह खर्चा आमतौर पर काफ़ी किफ़ायती साबित होता है।
अपनी वित्तीय क्षमताओं से बढ़कर ट्रेडिंग करना
जैसाकि उपर्युक्त है, लिवरेज की बदौलत सीमित बजटीय क्षमताओं के साथ भी अपने मुनाफ़े में आप कई गुना बढ़ोतरी ला सकते हैं। लिवरेज प्राप्त करने पर लंबी अवधि में आपकी ट्रेडिंग रणनीतियाँ और भी आशाजनक और जोखिमपूर्ण हो जाएँगी।
लेकिन लिवरेज्ड ट्रेडिंग नौसिखियों के लिए नहीं है, क्योंकि स्पॉट ट्रेडिंग प्रथाओं की तुलना में इसमें भारी जोखिम होते हैं। अगर आपकी रणनीतियाँ काम नहीं करतीं और आपके पोर्टफ़ोलियो में काफ़ी ज़्यादा नुकसान हो जाते हैं, तो आपके एकाउंट को ब्रोकरेज बिज़नस निगल जाएगा।
लेकिन अनुभवी ट्रेडरों के लिए मार्जिन ट्रेडिंग सफलता के मार्ग को प्रशस्त कर सकती है। लिवरेज के माध्यम से अपने ट्रेडिंग बजट में फ़टाफ़ट बढ़ोतरी लाकर निवेशक भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम्स को एक्सेस कर सकते हैं। पर्याप्त विशेषज्ञता के साथ मार्जिन ट्रेडिंग के जोखिम को कम कर अपनी विशिष्ट रणनीतियों के आधार पर जोखिमों को समेकित या विभाजित करने के लिए क्रॉस या आइसोलेटेड मार्जिन्स का उपयोग किया जा सकता है।
ब्रोकर काल्पनिक मूल्य का हिसाब कैसे लगाते हैं?
लिवरेज्ड ट्रेडिंग उपकरणों में एक अहम भूमिका निभाने वाला काल्पनिक मूल्य किसी पोज़ीशान का कुल संभावित मूल्य पेश करता है। चलिए आपको फ़टाफ़ट इसका एक उदाहरण देते हैं। मान लीजिए कि आज ही Nvidia का स्टॉक खरीदकर उसकी मार्केट फ़ेस वैल्यू के चरम पर उसे बेचने पर आप विचार कर रहे हैं। फ़िलहाल Nvidia के स्टॉक की कीमत लगभग $880 है। आप 100 शेयर खरीदना चाहते हैं, लेकिन आरंभिक मार्जिन के तौर पर आपके पास महज $22,000 ही हैं।
ऐसे में, बुनियादी एसेट का काल्पनिक मूल्य $88,000 है। इस काल्पनिक मूल्य पर सौदे को एक्सीक्यूट करने के लिए आपको 4:1 के लिवरेज अनुपात की ज़रूरत होगी। आपका ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म अगर आपको यह लिवरेज अनुपात मुहैया करा देता है, तो इस सौदे को आप बिना किसी परेशानी के एक्सीक्यूट कर पाएँगे।
इसलिए अपने मार्केट एक्सपोज़र को समझने की इच्छा रखने वाले निजी निवेशकों और कंपनियों के लिए काल्पनिक मूल्य को समझना बेहद ज़रूरी होता है। काल्पनिक मूल्य के इस्तेमाल की विधि को जाने बगैर शायद आपको यह पता न चले कि आप कितना बड़ा जोखिम उठा रहे हैं या फिर सफल एक्सीक्यूशन के बाद आपके ट्रेडर आपको कितनी आय दिला सकते हैं।
$88,000 के काल्पनिक मूल्य का उपर्युक्त उदाहरण मुनाफ़े की अच्छी-खासी संभावना के साथ-साथ भारी जोखिम को भी दर्शाता है। डेरीवेटिव अनुबंधों या लिवरेज्ड जोखिम शमन रणनीतियों का उपयोग करने वाले निवेशकों या कंपनियों के लिए ये दोनों ही मेट्रिक्स अहम होते हैं।
काल्पनिक बनाम सांकेतिक मूल्य
काल्पनिक मूल्य का मतलब समझ लेने के बाद ट्रेडिंग जगत में सांकेतिक बनाम काल्पनिक मूल्यों का आकलन करके देखते हैं। किसी अनुबंध के सांकेतिक मूल्य को बुनियादी अनुबंध के मार्केट प्राइस के तौर पर भी जाना जाता है। Nvidia वाले हमारे उदाहरण में सांकेतिक या मार्केट मूल्य ट्रेडर द्वारा प्राप्त किए गए फ़्यूचर्स अनुबंध की कीमत होगी।
उदाहरण के लिए, अगर आगे चलकर आप Nvidia के 100 शेयर खरीदना चाहते हैं, तो इस अनुबंध की मार्केट वैल्यू $88,000 के काल्पनिक मूल्य से कहीं कम होगी। मान लीजिए हर शेयर के फ़्यूचर्स अनुबंध की कीमत $10 है। इसका मतलब यह हुआ कि समूचे अनुबंध की कीमत महज $1,000 ही होगी। लेकिन स्टॉक के प्रदर्शन या फिर किसी बुनियादी एसेट के आधार पर पोज़ीशन की वैल्यू में बदलाव भी आ सकता है।
इसके विपरीत, काल्पनिक मूल्य का हिसाब कॉन्ट्रैक्ट समझौते के आधार पर न लगाकर एसेट के मार्केट प्राइस के आधार पर लगाया जाता है। दोनों ही आँकड़ों से हमेशा वाकिफ़ रहकर अपनी ट्रेडिंग पोज़ीशनों की अच्छी-खासी समझ विकसित की जा सकती है।
उदाहरण के तौर पर, अपने मुनाफ़े के लिए पोज़ीशान को पूरा करने की तुलना में प्राप्त अनुबंध को बेचना ज़्यादा लाभकारी साबित हो सकता है। इस विश्लेषण की खातिर आपको यह जान लेना होगा कि काल्पनिक मूल राशि के माध्यम से हासिल किए गए संभावित मुनाफ़े की तुलना में आपके अनुबंध का क्या मूल्य है।
विभिन्न क्षेत्रों में काल्पनिक मूल्य के उपयोग
काल्पनिक मूल्य की अवधारणा विभिन्न परिस्थितियों व ट्रेडिंग के अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोगी साबित होती है। लिवरेज्ड ट्रेडिंग के सभी प्रमुख निवेश सेक्टरों में लोकप्रिय हो जाने से सांकेतिक मूल्य का आंकड़ा भी ट्रेडिंग जगत में पहले से कहीं ज़्यादा अहम हो गया है। आइए इस पर थोड़ी चर्चा कर लेते हैं।
FOREX
FOREX के काल्पनिक मूल्य को डेरीवेटिव समझौते की रचना करने वाली दो पार्टियों द्वारा निर्धारित किया जाता है। FX जगत में ज़्यादातर डेरीवेटिव्स का इस्तेमाल किसी खास तारीख व एक तय राशि के बदले मुद्राओं का एक्सचेंज करने के लिए किया जाता है। इस मामले में, दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते के अनुसार काल्पनिक मूल्य एक्सचेंज की प्रमुख मुद्रा होती है।
FOREX इंडस्ट्री के टाइट प्रॉफ़िट मार्जिन्स को मद्देनज़र रखते हुए FX डेरीवेटिव्स में काल्पनिक मूल्य की काफ़ी अहमियत होती है। एक्सचेंज बाज़ार की जानी-मानी मुद्राएँ काफ़ी सैचुरेटेड हैं, जिसके चलते रिटेल ट्रेडरों को न्यूनतम मुनाफ़ा ही होता है। इसलिए लिवरेज्ड पोज़ीशनों को प्राप्त कर अपने मुनाफ़ों में बढ़ोतरी लाना एक अहम रणनीति होती है, बशर्ते ट्रेडर बाज़ार के एक्सपोज़र का जोखिम उठाने के लिए तैयार हों।
स्वैप्स
स्वैप अनुबंधों का उपयोग विभिन्न उद्योगों में अलग-अलग प्रकार के एसेट्स में किया जा सकता है। लेकिन स्वैप्स की लोकप्रियता और अनूठे इस्तेमाल ने उन्हें एक इंडस्ट्री में तब्दील कर दिया है। ब्याज दर स्वैप्स और टोटल रिटर्न स्वैप्स से लेकर मुद्राओं, कमोडिटीज़ और इक्विटीज़ तक, स्वैप्स बाज़ार की मदद से अपनी वित्तीय स्थिति में आप कई प्रकार के बदलाव कर सकते हैं।
एक-दूसरे से प्राप्य ब्याज की अदला-बदली करने के लिए ब्याज दर स्वैप्स निवेशकों व ज़्यादातर संगठनों के लिए एक दिलचस्प विकल्प होते हैं। इसके अलावा, टोटल रिटर्न स्वैप्स के माध्यम से पार्टियाँ ऐसी स्थितियों में एक समझौता तैयार कर सकती हैं, जहाँ किसी पूर्वनिर्धारित एसेट वॉल्यूम के कैपिटल गेन्स के बदले एक पार्टी एक तय शुल्क अदा करती हो। दोनों ही अनुबंधों में एक अहम भूमिका निभाने वाले सांकेतिक मूल्य समझौतों की कुल वॉल्यूम व आधार का निर्धारण कर पार्टियों को अपनी आय के संभावित स्तरों को निर्धारित करने की सहूलियत प्रदान करते हैं।
रिस्क हेजिंग में काल्पनिक मूल्य का इस्तेमाल कैसे करें?
काल्पनिक मूल्य की परिभाषा सिर्फ़ मुनाफ़ों को मैक्सिमाइज़ करने के लिए ही नहीं, बल्कि जोखिमों को हेज करने के लिए भी उपयोगी साबित होती है। मान लीजिए कि आपके पोर्टफ़ोलियो में एसेट X है, और आपको अभी-अभी पता चला है कि जल्द ही उसका अवमूल्यन शुरू हो सकता है। ऐसे में, बाज़ार के एक्सपोज़र को कम करने के लिए एक तय दर पर आप कोई फ़्यूचर्स अनुबंध खरीद सकते हैं।
फ़्यूचर्स अनुबंध की बदौलत अपने एसेट्स के लिए बिक्री की आप एक तय कीमत का निर्धारण कर एसेट के अवमूल्यन के खिलाफ़ अपने जोखिम को हेज कर सकते हैं। नतीजतन, अपने काल्पनिक मूल्य की तुलना में मार्केट वैल्यू के प्रतिकूल हो जाने पर भी उस एसेट को अपने वांछित दाम पर बेचने का आपको मौका मिलेगा।
फ़्यूचर्स अनुबंधों की आंशिक कीमत को ध्यान में रखते हुए, एक निवेशक या एजेंसी के तौर पर अपनी दीर्घकालिक सॉल्वेंसी सुनिश्चित करने के लिए इस रणनीति के माध्यम से अपने जोखिमों को हेज करना एक बढ़िया तरीका होता है।
अंतिम विचार
विभिन्न उद्योगों और सेक्टरों में काल्पनिक मूल्य लिवरेज्ड ट्रेडिंग का एक अहम अंग होता है, क्योंकि इसकी बदौलत लोगों और व्यवसायों के लिए अपने मार्केट एक्सपोज़र और खरीदारी की ताकत को एक्सेस करना आसान हो जाता है। इसलिए मार्जिन ट्रेडिंग या डेरीवेटिव्स में डील करते समय अपनी भूमिका और ज़िम्मेदारियों की परवाह किए बगैर काल्पनिक मूल्य को समझना महत्त्वपूर्ण होता है।
यह सरल-सा आँकड़ा इस बात का निर्धारण करता है कि निवेशक फ़ायदे में रहेंगे या फिर डेरीवेटिव अनुबंधों से मोटा मुनाफ़ा कमाने के लिए ब्रोकर पर्याप्त लिवरेज रेशियो मुहैया कराएँगे। आपके अनुबंधों के निरंतर रिस्क एक्सपोज़र का मूल्यांकन करने में एक अहम भूमिका निभाने वाला काल्पनिक मूल्य ज़रूरत पड़ने पर अपनी रणनीतियों में बदलाव करने की भी आपको सहूलियत प्रदान करता है।
इसलिए कोई नया अनुबंध बनाने या फिर कोई लिवरेज्ड पोज़ीशन लेने से पहले अपने समझौते की काल्पनिक मूल्य संख्या की जाँच कर उसका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर लें।
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