10 बेस्ट डे ट्रेडिंग रणनीतियाँ जिनका उपयोग कर आप डे ट्रेडिंग से लाभ कमा सकते हैं
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मुख्य रूप से पेशेवरों द्वारा प्रैक्टिस किए जाने के बावजूद, ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्मों के उभरने और ब्रोकरों के कारण रिटेल ट्रेडरों के बीच डे ट्रेडिंग यानि एक दिन के ट्रेड ने लोकप्रियता हासिल की है, जो बाज़ार के उतार-चढ़ाव से लाभ के लिए उत्सुक ट्रेडरों की एक नई पीढ़ी को आकर्षित कर रही है। डे ट्रेडिंग करना एक पार्ट-टाइम हॉबी या फुल-टाइम करियर हो सकता है, जिसमें दीर्घकालिक सफलता की दर कम होती है। यह नए ट्रेडरों के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि यह भावनात्मक रूप से कम थका देने वाली है और तत्काल परिणाम प्रदान करती है, जिससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
इस लेख में, हम इस लोकप्रिय ट्रेडिंग रणनीति के लाभों, डे ट्रेडिंग की कुछ युक्तियों पर चर्चा करेंगे, और 10बेस्ट डे ट्रेडिंग रणनीतियोंकी खोज करेंगे जिनका उपयोग आप किसी भी बाज़ार में लाभ कमाने के लिए कर सकते हैं।
मुख्य बातें
- डे ट्रेडिंग से तात्पर्य यह है कि लाभ के लिए अल्पकालिक ट्रेड नियमित व्यापारिक घंटों के अंदर किए जाते हैं।
- विभिन्न बाज़ारों में अलग-अलग डे ट्रेडिंग रणनीतियों को नियोजित किया जा सकता है।
- इस प्रकार की ट्रेडिंग तनावपूर्ण हो सकती है और अक्सर बहुत से नुकसानों के साथ आती है।
- डे ट्रेडिंग के लिए सबसे आम रणनीतियाँ हैं गैप ट्रेडिंग, पिवट पॉइंट और अन्य।
डे ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे काम करती है?
डे ट्रेडिंग छोटी सी कीमत में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाने के लिए उसी दिन एक ही सिक्योरिटी को खरीदने और बेचने की एक प्रैक्टिस है।
डे ट्रेडिंग में वित्तीय बाज़ारों में लाभ के लिए नियमित ट्रेडिंग घंटों के दौरान अल्पकालिक ट्रेडिंग करना शामिल है। यह एक ऑनलाइन निवेश तकनीक है जहाँ निवेशक ट्रेडिंग के दिन के समाप्त होने से पहले पोज़ीशन खोलते और बंद करते हैं। एक डे ट्रेडर के रूप में, आप विभिन्न एसेटों जैसे की करेंसी, स्टॉक, क्रिप्टो, कमोडिटी, ETFs, बॉन्ड और सूचकांक पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
स्टॉक और बॉन्ड जैसे पारंपरिक निवेश के विपरीत, डे ट्रेडों को कुछ घंटों या मिनटों के लिए होल्ड किया जाता है, जिससे निवेशकों को प्रतिदिन कई व्यक्तिगत ऑर्डर देने की अनुमति मिलती है। मुख्य लक्ष्य छोटे लाभ प्राप्त करना है, जिससे अनुभवी ट्रेडरों को बढ़िया मुनाफा हो सकता है। अनुभव के बावजूद, हर किसी को नुकसान और असफलताओं का सामना करना पड़ता है, जिससे शुरुआत से ही एक स्पष्ट डे ट्रेडिंग रणनीति विकसित करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
डे ट्रेडिंग तकनीक कई फायदे प्रदान करती है, जिनमें जल्द लाभ, आसान पहुँच, उत्साह, रातोंरात का जोखिम ना होना और खुद के लिए काम करने की क्षमता शामिल है। यह एक उच्च जोखिम वाली लेकिन उच्च-इनाम वाली रणनीति है जिसके लिए परिश्रम, शिक्षा और भाग्य की ज़रूरत होती है।
डे ट्रेडिंग में फ़ीस और टैक्स भी शामिल होते हैं, शार्ट-टर्म कैपिटल गेन के लिए उच्च टैक्स और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन के लिए उच्च टैक्स होते हैं। बाज़ार तेज़ी से आगे बढ़ता है, और डे ट्रेडिंग तनावपूर्ण हो सकती है, खासकर अगर ट्रेड काम ना करे। यह जुए का एक रूप है जो लत बन सकती है, स्वास्थ्य और रिश्तों पर भी असर डाल सकती है।
समय की प्रतिबद्धता डे ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके लिए घंटों शोध, ट्रैकिंग और ट्रेड करने की ज़रूरत होती है। प्रमुख वित्तीय संस्थानों के अन्य निवेशकों और पेशेवरों के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वित्तीय नियमों के अनुसार एक दिवसीय ट्रेडर बनने के लिए ब्रोकरेज खाते में कम से कम $25,000 की ज़रूरत होती है; घाटे के खिलाफ बफर प्रदान करने और ट्रेड के लिए फंड तैयार रखने के लिए और भी ज़्यादा की ज़रूरत हो सकती है।
डे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट रणनीतियाँ
नीचे, आपको डे ट्रेडिंग के लिए सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली और सबसे अधिक लाभदायक रणनीतियों में से कुछ की लिस्ट मिलेगी। चाहे ये रणनीतियाँ एक दिन के अंदर नकदी बनाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन तत्काल सफलता की उम्मीद ना करना और सभी ट्रेडों को खोने के लिए जोखिम सहनशीलता रखना ज़रूरी है।
मोमेंटम ट्रेडिंग
इस प्रकार की रणनीति अक्सर उच्च प्रदर्शन वाले शेयरों पर केंद्रित होती है। मोमेंटम ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहाँ ट्रेडर इस सिद्धांत का लाभ उठाते हैं कि चल रही वस्तु तब तक चलती रहती है जब तक की उस पर कोई काउंटरफोर्स लागू नहीं की जाए। वे पोज़ीशन में तब प्रवेश करते हैं जब मोमेंटम बढ़ रहा होता है और जब मोमेंटम कम होने लगता है तो बाहर निकल जाते हैं।
इस रणनीति के लिए मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस (MACD), रेट ऑफ चेंज (ROC), स्टोचैस्टिक ऑसिलेटर और रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) जैसे संकेतकों के उपयोग की ज़रूरत होती है।
MACD डाइवर्जेंस यानि विचलन एक संभावित आगामी रुझान के अपट्रेंड से डाउनट्रेंड में उलट होने का संकेत देता है। एक ट्रेड शुरू करने के लिए, स्टॉक के दिन के उच्चतम स्तर के ठीक ऊपर प्रारंभिक स्टॉप-लॉस ऑर्डर रखकर, प्राइस एक्शन से मंदी के MACD विचलन की तलाश करें।
बाज़ार में गिरावट की ओर जाने वाली चाल में अक्सर कीमत में त्वरित, पर्याप्त गिरावट शामिल होती है, जिससे थोड़े ही समय में पर्याप्त लाभ प्राप्त होता है। जब स्टॉक एक नई ऊँचाई पर पहुँचता है तो ट्रेडिंग वॉल्यूम में गिरावट होने पर MACD विचलन का संकेत ज़्यादा मज़बूत होता है। “रोलिंग डाइवर्जेंस” की पहचान करने से किसी ट्रेड के विजेता होने की संभावना बढ़ जाती है।
मोमेंटम रिवर्सल रणनीति की सफलता के लिए, केवल एक समान गिरने वाले पैटर्न, कमज़ोर उत्प्रेरक, या मल्टी-डे अपसाइड प्राइस एक्शन वाले शेयरों को अलग किया जाना चाहिए।
पिवट पॉइंट ट्रेडिंग
यह एक प्राचीन तकनीक है जिसका उपयोग फ़्लोर ट्रेडर्स और डे ट्रेडर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंजों पर किया जाता है। इसमें एक छोटे ट्रेड में प्रवेश करना शामिल है वो भी जब कीमत नीचे से एक पिवट पॉइंट रेसिस्टेंस यानि धुरी बिंदु प्रतिरोध पर पहुँचती है और एक लंबा ट्रेड तब लेती है जब यह ऊपर से एक सपोर्ट करने वाली धुरी बिंदु पर पहुँचती है।
यह रणनीति तब सबसे अच्छा काम करती है जब पिवट पॉइंट अन्य समर्थन और प्रतिरोध स्तरों के समान मूल्य स्तर पर दिखाई देते हैं। यह उन निवेशकों के लिए एक शक्तिशाली डे ट्रेडिंग रणनीति हो सकती है, जिनके बड़े खाते कम बिड-आस्क स्प्रेडके साथ लार्ज-कैप शेयरों का ट्रेड करते हैं।
संभावित पिवट पॉइंटों का पता लगाने में सप्लाई और डिमांड क्षेत्र, अधिक खरीद और अधिक बिक्री वाले क्षेत्र और पिवट पॉइंटों का विश्लेषण करना शामिल है। एक विशिष्ट पिवट पॉइंट की भविष्यवाणी करना मुश्किल है, लेकिन उस कॉरिडोर का निर्धारण करना जिसमें कीमत उच्च संभावना के साथ उलट जाएगी, संभव है। L1 और L2 के बीच डिमांड क्षेत्र की सीमा एक अपट्रेंड का संकेत देती है, जबकि इस क्षेत्र में उलटफेर एक डाउनट्रेंड का संकेत देता है।
स्कैल्पिंग
स्कैल्पिंग त्वरित ट्रेडरों के लिए एक ऐसी रणनीति है जो बाज़ार की गतिविधियों से लाभ कमाने के लिए तेज़ निर्णय और तेज़ कार्रवाई की अनुमति देती है। इसकी वज़ह से अक्सर कुछ ही सेकंडों में कई ट्रेड होते हैं। यह बाज़ार के रुझानोंकी पहचान करने के लिए मूविंग एवरेज रिबन एंट्री स्ट्रैटेजी, रिलेटिव स्ट्रेंथ/वीकनेस एग्जिट स्ट्रैटेजी और मल्टीपल चार्ट स्कैल्पिंग जैसे तकनीकी संकेतकों का उपयोग करती है।
स्लकैपर्स रीसेल के माध्यम से छोटे मूल्य के बदलाव से ट्रेड की फ्रीक्वेंसी और लाभ बढ़ाने के लिए स्वचालित बॉट का उपयोग करते हैं। इस रणनीति में उच्च फ्रीक्वेंसी, बड़ी ट्रेडिंग वॉल्यूम और बड़ी पोज़ीशन शामिल है लेकिन विश्वसनीय पैटर्न की पहचान करने में कठिनाई के कारण यह जोखिम भरी हो सकती है।
स्कैलपिंग को दो तरीकों से किया जा सकता है: हाई-फ्रीक्वेंसी स्कैलपिंग, जिसमें उच्च मात्रा में कई ट्रेड शामिल होते हैं, या धीमी स्कैलपिंग, जो मूल्य की छोटी चालों, कम ट्रेडों, छोटी पोज़ीशन के साइज़ और लंबी होल्डिंग अवधि पर केंद्रित होती है।
स्कैल्पिंग के लिए गहन फोकस, त्वरित निर्णय लेने और अनुशासन की ज़रूरत होती है, जो इसे आत्मविश्वास से भरे ट्रेडरों के लिए सर्वोत्तम बनाती है जो तेज़ी से चलने वाले ट्रेडों को हैंडल कर सकते हैं। लेकिन, यह रणनीति उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है जो आसानी से विचलित हो जाते हैं या ध्यान केंद्रित करने में कमी रखते हैं।
ट्रेंड को फॉलो करना
ट्रेंड ट्रेडिंग में समग्र ट्रेंड की दिशा में ट्रेडिंग शामिल होती है, जिसमें सुधारों को नज़रअंदाज कर दिया जाता है। ट्रेंड को फॉलो करने वाले ट्रेडरों का लक्ष्य लघु, मध्यवर्ती या दीर्घकालिक रुझानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रचलित रुझानों को पकड़ना है। वे किसी भी समय सीमा चार्ट पर ट्रेडिंग करते हुए, अपने निर्णयों को निर्देशित करने के लिए ट्रेंड लाइन्स और मूविंग एवरेज जैसे ट्रेंड संकेतकों का उपयोग करते हैं।
कीमत में रिवर्स के बाद या ट्रेडिंग दिन के अंत में पोज़ीशन बंद हो जाती है। एक नए ट्रेंड की शुरुआत के संकेतों में महत्वपूर्ण समाचार रिलीज़, रिवर्सल पैटर्न, मजबूत प्रतिरोध या समर्थन स्तर से पलटाव, ट्रेंड लाइन ब्रेकआउट, सप्लाई या डिमांड क्षेत्रों में ट्रेंड समापन, और बाज़ार निर्माताओं द्वारा कृत्रिम डिमांड या सप्लाई का निर्माण शामिल है। इंट्राडे रणनीति में ट्रेंड की अवधि और संभावित जोखिमों को स्वीकार करने की इच्छा के आधार पर प्रत्येक दिन के अंत तक पोज़ीशन को बंद करना शामिल है।
डे ट्रेडर्स बाज़ार के शुरुआती या समापन के मिनटों में पोज़ीशन लेने से बचते हैं, क्योंकि यह ज़रूरी नहीं है कि वे दिन के बाज़ार के ट्रेंड को दर्शाएँ। वे फंड के वास्तविक प्रवाह पर ध्यान केंद्रित करते हैं और ट्रेडों को खोलने या बंद करने में फंसने से बचते हैं, जो पोज़िशन-स्क्वायरिंग हो सकती है।
गैप ट्रेडिंग
गैप रणनीति एक लोकप्रिय तकनीक है जिसमें उच्च अस्थिरता और सामुदायिक जागरूकता वाले अग्रणी गैपर्स शामिल होते हैं। गैप ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहाँ ट्रेडर्स एक चार्ट पर कीमत में अंतर यानि गैप की पहचान करते हैं और उसका फायदा उठाते हैं, जहाँ किसी एसेट की कीमत बिना ज़्यादा ट्रेडिंग के तेज़ी से ऊपर या नीचे की ओर बढ़ती है।
ये गैप, जो अक्सर मौलिक या तकनीकी कारकों के कारण होते हैं, आकर्षक ट्रेडिंग अवसर प्रस्तुत कर सकते हैं। सफलता उतार-चढ़ाव, ब्रेकआउट के दौरान उच्च गति और कड़े बिड-आस्क स्प्रेड्स के साथ उच्च सापेक्ष वॉल्यूम पर निर्भर करती है।
हालाँकि, इसके लिए सावधानीपूर्वक तैयार की गई प्लानिंग, गहन बाज़ार और तकनीकी विश्लेषण, तकनीकी संकेतक और बाज़ार मनोविज्ञानकी समझ की ज़रूरत होती है। जो लोग खजाने की खोज और छिपे हुए अवसरों की खोज का आनंद लेते हैं, उनके लिए गैप ट्रेडिंग एक आदर्श रणनीति हो सकती है।
इचिमोकू किंको ह्यो इंडिकेटर ट्रेडिंग
इचिमोकू किंको ह्यो या इचिमोकू क्लाउड इंडिकेटर इंट्राडे तकनीकी ट्रेडिंग सिग्नल प्रदान करते हैं। यह व्यावसायिक ट्रेडिंग के लिए एक बहु-कार्यात्मक टूल है। यह एक ट्रेंड, मोमेंटम और फ़िल्टर इंडिकेटर के रूप में कार्य करते हैं, जिसमें पाँच रेखाएँ बादल बनाती हैं और तीन फ़िल्टरिंग ऑसिलेटर के रूप में कार्य करती हैं।
संकेतों की व्याख्या में ऊपर बढ़ते हुए क्लाउड के ऊपर लंबी पोज़ीशन और नीचे जाते हुए क्लाउड के नीचे छोटी पोज़ीशन खोलना शामिल है। जब कीमत क्लाउड के बाहर चली जाती है तो ट्रेडर्स ट्रेड में प्रवेश कर सकते हैं, ट्रेडिंग के ख़त्म होने तक उन्हें होल्ड करके रख सकते हैं या किजुन सेन लाइन की विपरीत दिशा में अनुगामी स्टॉप लॉस का उपयोग कर सकते हैं।
ब्रेकआउट ट्रेडिंग
यह एक ऐसी रणनीति है जहाँ एक ट्रेड तब दर्ज किया जाता है जब एक प्रमुख स्तर, जैसे कि प्रतिरोध, समर्थन, या एक ट्रेंड लाइन टूटती है। ब्रेकआउट ट्रेडिंग रणनीतियों में एक महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर, जैसे कि इंट्राडे उच्च, साप्ताहिक या मासिक उच्च, या पिवट पॉइंट कीमत के स्तर पर काबू पाने के बाद स्टॉक खरीदना शामिल होता है।
एक लोकप्रिय ब्रेकआउट डे ट्रेडिंग रणनीति एक ऊपर बढ़ता हुआ ट्राइएंगल पैटर्न है, एक बुलिश प्राइस कंसोलिडेशन पैटर्न है जो अक्सर प्रमुख प्रतिरोध स्तर पर दिखाई देता है। इस पैटर्न को अक्सर एक अपट्रेंड के दौरान खरीदारी के अवसर के रूप में देखा जाता है। पैटर्न एक ऐसे अपट्रेंड के रूप में सामने आता है जो अस्थायी रूप से कीमत के प्रतिरोध स्तर पर रुक जाता है, और कीमत स्विंग लो और स्विंग हाई की एक श्रृंखला के माध्यम से समेकित यानि कंसोलिडेट होती है।
जब कीमत प्रतिरोध स्तर से ऊपर हो जाती है तो बाय यानि खरीद ट्रेड का संकेत मिलता है, जो दर्शाता है कि मौजूदा अपट्रेंड फिर से शुरू हो गया है और इसके और अधिक बढ़ने की संभावना है। एक ऊपर बढ़ता हुआ ट्रायंगल पैटर्न ट्रेडरों को लाभ के स्पष्ट लक्ष्य और स्टॉप-लॉस प्राइस लेवल भी प्रदान करता है।
ब्रेकआउट ट्रेडिंग महत्वाकांक्षी ट्रेडरों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक ऐसी रणनीति है जो किसी सिक्योरिटी के स्थापित प्राइस रेंज से परे जाकर जोखिम उठाती है। हालाँकि, यह जोखिमों के साथ आती है, जैसे एग्जिट की योजना, लाभ लक्ष्य निर्धारित करना और स्टॉप-लॉस पॉइंट्स निर्धारित करना।
रेंज ट्रेडिंग
रेंज ट्रेडर कम उथल-पुथल वाले बाज़ारों में माहिर होते हैं, वे प्रमुख मोड़ों की पहचान करने के लिए वॉल्यूम ट्रेंड और प्राइस पैटर्न जैसे तकनीकी संकेतकों का उपयोग करते हैं। वे समर्थन स्तर के पास कम कीमतों पर खरीदारी करते हैं और जब कीमतें प्रतिरोध स्तर के करीब चरम पर होती हैं तो उन्हें बेच देते हैं।
यह रेंज समर्थन और प्रतिरोध के प्रमुख स्तरों द्वारा परिभाषित की जाती है, जिसे अक्सर एक कंसोलिडेशन यानि समेकन पैटर्न द्वारा दर्शाया जाता है। ट्रेडर प्रतिरोध पर पोज़ीशन दर्ज करते हैं या बंद करते हैं, या समर्थन पर पोज़ीशन बंद करते हैं। कीमत के उतार-चढ़ाव को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर चरम सीमाओं से परे रखे जाते हैं।
बाज़ार की गतिशीलता तेज़ी से बदल सकती है, इसलिए रेंज के ट्रेडरों को यह समझने में सक्षम होना चाहिए कि बाज़ार स्थिर है या गतिशील है और जोखिमों को कम करने और अप्रत्याशित बाज़ार मंदी से बचाने के लिए उनके पास एक एग्जिट प्लान यानि निकास योजना होनी चाहिए।
न्यूज़ ट्रेडिंग
न्यूज़ पर ट्रेडिंग, जिसे मौलिक विश्लेषण ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है, उसमें किसी एसेट की कीमत पर समाचार या आर्थिक डेटा के प्रभाव का विश्लेषण करना शामिल होता है। बाज़ार द्वारा की गई समाचार की व्याख्या कीमत की दिशा को निर्धारित करती है।
समाचारों पर ट्रेड करने के लिए पूर्वानुमानों, घटनाओं की संभावना और समाचार के प्रभाव पर विचार करना ज़रूरी है। समाचार पर व्यापार करने वाले ट्रेडरों के लिए मुख्य टूलों में शामिल हैं एक आर्थिक कैलेंडर, बड़ी कंपनियों के वित्तीय विवरण और एक समाचार फ़ीड।
न्यूज़ ट्रेडिंग एक जोखिम भरी लेकिन संभावित रूप से लाभदायक डे ट्रेडिंग रणनीति है, क्योंकि स्टॉक में बड़े मूल्य परिवर्तन अक्सर महत्वपूर्ण कंपनी समाचार जारी होने के बाद होते हैं। एक बार जब समाचार जारी हो जाता है, वे बाज़ार के पैटर्न से बाहर निकलने और पैटर्न के ब्रेकआउट के आधार पर पोज़ीशन शुरू करने की प्रतीक्षा करते हैं।
वे आम तौर पर अपने स्टॉप लॉस को ब्रेकआउट स्तर के नीचे एक सुरक्षित पॉइंट पर रखते हैं, या तो ट्राइएंगल की चौड़ाई पर या रेंज की चौड़ाई पर। हालाँकि, महत्वपूर्ण न्यूज़ रिलीज़ के दौरान बाज़ार बेहद अस्थिर हो सकता है, इसलिए न्यूज़ ट्रेडरों को महत्वपूर्ण गिरावट से बचने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर को सावधानी से रखने के बारे सोचना चाहिए।
सफल न्यूज़ ट्रेडरों को जल्दी और निर्णायक रूप से कार्य करना चाहिए क्योंकि ट्रेडिंग निर्णय लेने में कुछ सेकंड की देरी भी महँगी पड़ सकती है।
पुलबैक ट्रेडिंग
पुलबैक डे ट्रेडिंग रणनीति में ऐसे स्टॉक के लिए खरीद प्रवेश बिंदु ढूँढना शामिल होता है जो आम तौर पर पुलबैक के दौरान ऊपर की ओर बढ़ रहा होता है, जिससे निरंतर ऊपर की ओर प्रगति की उम्मीद होती है। यह विधि कभी-कभी मध्यम रिट्रेसमेंट के साथ स्थिर, निरंतर अपट्रेंड वाले किसी भी स्टॉक के साथ अच्छी तरह से काम करती है।
पुलबैक किसी एसेट की कीमत में ऊपर की ओर के ट्रेंड के दौरान अस्थायी गिरावट है, जो ट्रेडरों को अपनी ऊपर की यात्रा फिर से शुरू करने से पहले “ऑन-सेल” एसेट खरीदने का अवसर प्रदान करती है। ट्रेडर संभावित सौदेबाजी की पहचान करने के लिए मूविंग एवरेज, पिवट पॉइंट या फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट स्तर जैसे तकनीकी सहायता क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
यदि ट्रेंड ऊपर की ओर है, तो नीचे की ओर का पुलबैक डे ट्रेडरों के लिए एक प्रवेश बिंदु है। एक प्रभावी पुलबैक के लिए, ट्रेडर कम से कम दो लगातार ऊपर की बढ़ती कीमत की चालें या लगातार दो घटती कीमतों के साथ एक अपट्रेंड की तलाश करते हैं।
हालाँकि, हर अवसर लाभदायक नहीं होता है, और पुलबैक ट्रेडिंग के लिए विवरण पर गहन नज़र, एक अनुशासित दृष्टिकोण और अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता की ज़रूरत होती है।
एक डे ट्रेड को सफलतापूर्वक कैसे करें
यहाँ कुछ डे ट्रेडिंग टिप्स और ट्रिक्स दी गई हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हैं यदि आप जानना चाहते हैं कि डे ट्रेडिंग में अच्छा प्रदर्शन कैसे किया जाए।
सबसे पहले, आपको एक पूर्व निर्धारित योजना का पालन करना चाहिए और उस पैसे के साथ ट्रेड करना चाहिए जिसे खोने पर ज़्यादा दर्द ना हो।
इसके अलावा, कुछ बुनियादी डे-ट्रेडिंग नियमों में जोखिम प्रबंधन प्रथाओं का पालन करना, दक्षता और ज्ञान प्राप्त करना, जोखिमों में विविधता लाना, विभिन्न एसेटों का उपयोग करना, भावनाओं को नियंत्रित करना सीखना और हमेशा स्टॉप लॉस का उपयोग करना भी शामिल है।
ट्रेडिंग के लिए ट्रेलिंग स्टॉप ज़रूरी हैं, क्योंकि वे पूर्वानुमान की दिशा में कीमत का पालन करते हैं और कीमत के पलटने पर वापस नहीं आते हैं।
कोरीलैशन यानि सहसंबंध एक और उपयोगी युक्ति है, क्योंकि एक पोज़ीशन की मात्रा को बढ़ाने या एक ही एसेट पर कई लेनदेन खोलने से जोखिम बढ़ सकता है।
अलग-अलग डे ट्रेडिंग रणनीतियाँ जैसे कि संकेतकों, पैटर्नों, स्तरों, वेव्स और समाचारों के संयोजन का उपयोग करने से डिपाजिट लोड को कम करने, आय को बढ़ाने और जोखिमों में विविधता लाने में मदद मिल सकती है।
इन युक्तियों का पालन करके, ट्रेडर अपने लाभ को अधिकतम कर सकते हैं और अपनी ट्रेडिंग गतिविधियों से जुड़े जोखिम को कम कर सकते हैं।
निष्कर्ष
डे ट्रेडिंग 200% या उससे ज़्यादा का वार्षिक रिटर्न बनाने का एक लाभदायक तरीका है, जो बाज़ार में महत्वपूर्ण लिक्विडिटी प्रदान करता है। इसके लिए आत्म-अनुशासन और ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना ज़रूरी है। बेस्ट डे ट्रेडिंग रणनीतियाँ समय, सीखने, अनुसंधान और अनुभव के माध्यम से पाई जा सकती हैं। इन रणनीतियों का उपयोग कमोडिटी फ़्यूचर्स, क्रिप्टो और फॉरेक्स ट्रेडिंग सहित विभिन्न बाज़ारों में किया जा सकता है।
हालाँकि, सफल डे ट्रेडर्स को बाज़ार की गतिशीलता को समझना चाहिए, जोखिम का प्रबंधन करना चाहिए और निष्पादन में अनुशासन और धैर्य विकसित करना चाहिए। यह भी अनुशंसा की जाती है कि वास्तविक फंड के निवेश से पहले चुनी गई तकनीकों का पुन: परीक्षण किया जाए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
डे ट्रेडिंग को सफलतापूर्वक कैसे किया जाए?
डे ट्रेडिंग में सफल होने के लिए, आपको शेयर बाज़ार की मूल बातें समझनी चाहिए, एक ब्रोकर चुनना चाहिए और एक ट्रेडिंग रणनीति विकसित करनी चाहिए। छोटी शुरुआत करने, धैर्य रखने और जोखिमों का प्रबंधन करने की भी सलाह दी जाती है। लाभदायक ट्रेडरों से सीखना भी एक अच्छा तरीका है।
डे ट्रेडिंग के दौरान किस चीज़ का ध्यान रखना चाहिए?
डे ट्रेडिंग करते समय, आपको अस्थिरता, ट्रेडिंग वॉल्यूम, लिक्विडिटी, बाज़ार के वास्तविक समय के डेटा, सिक्योरिटी मूल्य चार्ट, स्केलिंग और मोमेंटम जैसे मापदंडों पर पूरा ध्यान देना चाहिए।
डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
डे ट्रेडर्स छोटी अवधि में लगातार स्टॉक ट्रेंड का पता लगाने के लिए मूविंग एवरेज और ट्रेंड लाइन जैसे टूलों का उपयोग करते हैं।
आप डे ट्रेडिंग कैसे सीखते हैं?
डे ट्रेडर्स अक्सर मुफ़्त संसाधनों और ट्रेडिंग पुस्तकों का उपयोग करके स्वतंत्र रूप से डे ट्रेडिंग सीखते हैं। हालाँकि, शुरुआत का सही समय ढूँढना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, इसलिए बाज़ार, रणनीतियों और संभावित प्लेटफ़ॉर्मों पर शोध करना ज़रूरी है। सफल डे ट्रेडर्स से सीखने से ज़रूरी कौशल विकसित करने में मदद मिल सकती है।
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