क्रिप्टो डेरिवेटिव्स बनाम स्पॉट: आपके ग्राहकों के लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा है?
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चाहे आप व्यवसाय के मालिक हों या निवेशक, स्पॉट और डेरिवेटिव्स बाज़ार वो दो मुख्य ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट्स हैं जिन पर आपको अवश्य विचार करना चाहिए। ये वित्तीय विकल्प विभिन्न ब्रोकरेज कंपनियों और एक्सचेंज प्लेटफ़ार्मों में मुख्यधारा बन गए हैं, जो अलग-अलग काम करने के बावजूद, आपकी ब्रोकरेज फर्म के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ब्रोकरेज कंपनी लॉन्च करते समय उद्यमियों के सामने आने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों में से एक सबसे अच्छा बिज़नेस मॉडल, क्रिप्टो डेरिवेटिव्स बनाम स्पॉट का निर्धारण करना है।
अधिकांश ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर, जैसे cTrader और MetaTrader, आपको डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग, निष्पादित करने का एक ठोस तरीका प्रदान करते हैं, जहाँ निवेशक बाज़ार में शामिल होने के तेज़ तरीके के रूप में वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स के CFDs खरीदते और बेचते हैं।
हालाँकि, आप स्पॉट ट्रेडिंग सेवाएँ प्रदान करके अपनी पेशकश का विस्तार कर सकते हैं, जिससे आपके ग्राहकों को तेज़ी से बढ़ते बाज़ार के बीच क्रिप्टोकरेंसी का वास्तविक स्वामित्व मिल सके। आइए क्रिप्टो स्पॉट और डेरिवेटिव्स की तुलना करें और जानें कि आप एक ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म को सफलतापूर्वक कैसे लॉन्च कर सकते हैं।
मुख्य बातें
- स्पॉट और डेरिवेटिव्स क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने के दो अलग-अलग तरीके हैं।
- स्पॉट एक्सचेंज क्रिप्टो कॉइन्स और टोकन खरीदने, बेचने और स्टोरेज की सुविधा देते हैं।
- क्रिप्टो में डेरिवेटिव्स में वित्तीय ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट शामिल होते हैं, जैसे कि फ्यूचर्स, ऑप्शंस, पर्पेचूअल, और बहुत कुछ।
- क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग की पेशकश आपको वास्तविक कॉइन्स और डिजिटल एसेटों के मालिक होने के बढ़ते रुझानों का लाभ उठाने की अनुमति देती है।
क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग को समझना
क्रिप्टो स्पॉट एक्सचेंजें ऐसे प्लेटफ़ॉर्म हैं जो उपयोगकर्ताओं के बीच सीधे ट्रेड की सुविधा प्रदान करते हैं। इस प्रकार, ट्रेडर अन्य उपयोगकर्ताओं के साथ पीयर-टू-पीयर नेटवर्क में विभिन्न कॉइन्स और टोकन खरीद और बेच सकते हैं। पारंपरिक ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्मों के विपरीत, P2P एक्सचेंजों में खरीदारों और विक्रेताओं के बीच बातचीत होती है, जबकि प्लेटफ़ॉर्म ऑपरेटर को लेनदेन से कटौती मिलती है।
यह ग्राहकों के लिए अपने पहले आभासी कॉइन्स खरीदने और संग्रहीत करने और क्रिप्टो धारकों के लिए अपने डिजिटल एसेट बेचने का बहुत तेज़ तरीका है। इसके अतिरिक्त, स्पॉट एक्सचेंज अधिक किफायती होते हैं, जहाँ देय शुल्क केवल लेनदेन पूरा होने पर लिया जाता है।
क्रिप्टो स्पॉट एक्सचेंजों का उपयोग करके, उपयोगकर्ता अपने खाते बनाते समय उन्हें सौंपे गए एक समर्पित विकेन्द्रीकृत वॉलेट का उपयोग करके अपने एसेटों को संग्रहीत कर सकते हैं।
इस सॉफ़्टवेयर में एक मैचिंग इंजन शामिल होता है जो पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुसार ऑर्डर पूरा करता है। स्पॉट ट्रेडिंग सिस्टम उन लोगों के लिए खरीद का बेस्ट प्राइस खोजने के लिए ऑर्डर बुक को स्कैन करता है जो BTC, ETH और अन्य कॉइन्स खरीदना चाहते हैं। साथ ही, सॉफ़्टवेयर उन एसेटों की कीमत के लिए बेस्ट बिड ढूँढकर विक्रेताओं से मैच करता है जिन्हें वे बेचना चाहते हैं।
Binance और Coinbase अग्रणी क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म हैं जो क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन की एक विस्तृत श्रृंखला का समर्थन करते हैं, और यह सब उपयोगकर्ताओं के बीच सुरक्षित और त्वरित लेनदेन सुनिश्चित करते हुए।
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स को समझना
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स वह वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स हैं जिनमें किसी एसेट पर वास्तव में स्वामित्व के बिना उसे खरीदना और बेचना शामिल होता है। क्रिप्टो के संदर्भ में, एक ट्रेडर बिटकॉइन खरीद सकता है और BTC को वास्तव में बिना अपने वॉलेट में संग्रहीत किए एक वित्तीय लाभ के लिए उसे उच्च कीमत पर बेच सकता है।
डेरिवेटिव्स की धारणा ट्रेडरों के बीच एक कॉन्ट्रैक्चूअल संबंध स्थापित करना है, जबकि कॉन्ट्रैक्ट का मूल्य अंतर्निहित एसेट की कीमत से बनता है, चाहे वह एक क्रिप्टोकरेंसी, स्टॉक या फॉरेक्स करेंसी पेयर हो।
यह वित्तीय इंस्ट्रूमेंट आमतौर पर क्रिप्टो ब्रोकरेज फर्मों द्वारा पेश किया जाता है, जो विभिन्न ट्रेडिंग टूल और कॉन्ट्रैक्ट्स की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, यह तरीका उन शुरुआती लोगों के लिए आसान है जो विकेंद्रीकृत वॉलेट और एक्सचेंजोंकी तकनीकीताओं से निपटे बिना क्रिप्टो पूंजीकरण से पैसा कमाना चाहते हैं।
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट क्या होते हैं?
विभिन्न प्रकार के क्रिप्टो डेरिवेटिव्स हैं जो निवेशक की ट्रेडिंग विकल्पों की पसंद का विस्तार करते हैं, जैसे फ्यूचर्स, ऑप्शंस और पर्पेचूअल। बेस्ट डेरिवेटिव्स ब्रोकर बननेका अर्थ है ट्रेडर के ट्रेडिंग टूल के चयन का विस्तार करना, आपके प्लेटफ़ॉर्म पर अधिक उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करना और आपके राजस्व के प्रवाह को बढ़ाना। यहाँ इन वित्तीय कॉन्ट्रेक्ट्स के बीच के कुछ अंतर दिए गए हैं।
फ्यूचर्स
फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट वह वित्तीय साधन हैं जहाँ दो पक्ष भविष्य में किसी पूर्व निर्धारित मूल्य पर किसी विशिष्ट एसेट को खरीदने और बेचने के लिए एक कॉन्ट्रैक्चूअल समझौता करते हैं।
प्रतिभागी कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करने के दौरान या निष्पादन की तिथि पर, मार्किट प्राइस की परवाह किए बिना, एक विशिष्ट तिथि पर $50,000 पर बिटकॉइन का ट्रेड करने के लिए सहमत हो सकते हैं।
यह विकल्प लाभदायक हो सकता है यदि मार्किट प्राइस कॉन्ट्रैक्चूअल मूल्य से अधिक बढ़ जाता है, जिससे ट्रेडर को कम कीमत पर खरीदने और ज़्यादा कीमत पर बेचने की अनुमति मिलती है।
ऑप्शंस
ये वो वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स हैं जो एक ट्रेडर को किसी एसेट की कीमत को लॉक करने की अनुमति देते हैं ताकि उसे पूर्व निर्धारित तिथि पर इसे खरीदने या बेचने का अधिकार मिल सके। उदाहरण के लिए, दो ट्रेडर किसी विशेष तिथि पर $50,000 पर BTC खरीदने के लिए एक ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में शामिल हो सकते हैं।
जब कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाता है या सहमति की तारीख करीब आ जाती है, तो खरीदार के पास अंतर्निहित एसेट – को खरीदने का अधिकार है – दायित्व नहीं, और इस उदाहण में, $50,000 पर बिटकॉइन।
यदि एसेट का मार्किट प्राइस कॉन्ट्रैक्ट किए गए प्राइस से कम है, तो खरीदार अपने अधिकार को सक्रिय नहीं करने और खरीद को अस्वीकार करने का विकल्प चुन सकता है।
फॉरवर्ड्स
फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के समान ही होते हैं क्योंकि वे एक पूर्व निर्धारित कीमत और तिथि के तहत एक विशिष्ट एसेट के ट्रेडर को शामिल करते हैं। हालाँकि, इन्हें ओवर-द-काउंटर एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके संचालित किया जाता है और यह पारंपरिक फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्टकी तुलना में ज़्यादा अनुकूलन योग्य होते हैं।
क्रिप्टो फ्यूचर्स में मानकीकृत कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जो विषय राशि और समय-सीमा पर चर्चा करते हैं। हालाँकि, फॉरवर्ड ज़्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं और उन क्रिप्टो ट्रेडरों द्वारा ज़्यादा उपयोग किए जाते हैं जो गतिशील बाज़ार से निपटने के लिए अपनी पेशकश को अनुकूलित करना चाहते हैं।
पर्पेचूअल
पर्पेचुअल अपेक्षाकृत नए हैं और क्रिप्टो ट्रेडरों में ज़्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं। वे प्रतिभागियों को किसी विशिष्ट दिन के बिना पूर्व निर्धारित मूल्य पर एक विशिष्ट एसेट खरीदने/बेचने के लिए कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश करने की अनुमति देते हैं।
इस प्रकार, पर्पेचुअल कॉन्ट्रैक्ट्स की कोई विशिष्ट समाप्ति तिथि नहीं होती है जो इंगित करती है कि एसेट का ट्रेड कब किया जाना चाहिए और इसे अनिश्चित काल तक रखा जा सकता है।
स्पॉट ब्रोकर बनाम डेरिवेटिव्स ब्रोकर: मुख्य अंतर
चाहे आप स्पॉट एक्सचेंज या डेरिवेटिव्स के रूप में एक क्रिप्टो ब्रोकर व्यवसाय शुरू करना चाह रहे हों, अपने लक्षित बाज़ार की योजना बनाते समय आपको कुछ चीजों पर विचार करने की ज़रूरत है।
मार्केट एक्सपोजर
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स का ट्रेडिंग बाज़ार व्यापक है, और एक ब्रोकर के रूप में, आप ट्रेडिंग बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करते हैं और उपयोगकर्ताओं को सिक्योरिटीज़ को खरीदने और बेचने के लिए ऑर्डर निष्पादित करने की अनुमति देते हैं।
इसके अतिरिक्त, डेरिवेटिव्स फ्लेक्सिबल होते हैं, जिनमें फ्यूचर्स, ऑप्शंस और पर्पेचूअल कॉन्ट्रैक्ट शामिल होते हैं, जहाँ आप बड़े पैमाने पर लिक्विड पूल तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न ट्रेडिंग सेवाएँ प्रदान कर सकते हैं, जैसे प्रबंधित खाते और कॉपी ट्रेडिंग रणनीतियाँ।
हालाँकि, जब आप क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग ऑफर करते हैं, तो आप खरीदारों और विक्रेताओं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर मिलाकर डिजिटल कॉइन्स तक पहुँच प्रदान कर रहे होते हैं।
आप समेकित ऑर्डर बुक और प्राइम ब्रोकरेज फर्मों का उपयोग करके ऐसा कर सकते हैं जो उपलब्ध क्रिप्टोकरेंसी और ट्रेडरों के पूल का विस्तार करते हैं।
डायरेक्ट स्पॉट ट्रेडिंग, या OTC बाज़ार, अधिक लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि क्रिप्टो निवेशकों की बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टो कॉइन्स के वास्तविक स्वामित्व में अधिक रुचि बढ़ रही है।
इसलिए, दोनों ट्रेडिंग सिस्टमों के संयोजन से आप तेज़ी से बढ़ते बाज़ार का लाभ उठा सकते हैं और अपने प्लेटफ़ॉर्म पर ज़्यादा से ज़्यादा निवेशकों को आकर्षित कर सकते हैं।
जोखिम प्रबंधन
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स और स्पॉट ट्रेडिंग सिस्टम में लेनदेन सुरक्षा और मार्किट एक्सपोज़र के संदर्भ में जोखिमों के अलग-अलग कारक होते हैं।
एक्सचेंज सॉफ़्टवेयर चलाने में एक मैचिंग इंजन शामिल होता है जो खरीदारों और विक्रेताओं को बाज़ार के उतार-चढ़ाव और अस्थिरता पर थोड़े से विचार के साथ डिजिटल और फिएट करेंसी का ट्रेड करने के लिए लिंक करता है।
हालाँकि, दुनिया भर में एक्सचेंजों के पास अलग-अलग लाइसेंसिंग ढाँचे हैं। कुछ स्थानों पर, जैसे कि अमेरिका में, वे SEC के अधिनियमोंके अधीन नहीं हैं। इसलिए, ट्रेडरों और ब्रोकरों को वित्तीय नियामक से कोई सुरक्षा या बीमा नहीं मिलती है।
वहीं दूसरी ओर, क्रिप्टो ब्रोकरों-डीलरों को दुनिया भर में बहुत बड़े स्तर पर विनियमित किया जाता है, और अमेरिकी नियामक क्रिप्टो ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्मों की गतिविधि पर सख्त नियम लागू करते हैं। हालाँकि, वे ट्रेडरों को लिवरेज और मार्जिन ट्रेडिंग जैसे ट्रेडिंग विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं, जो ट्रेडर को बाज़ार की अस्थिरता के संपर्क में ला सकते हैं और उन्हें उच्च जोखिम में डाल सकते हैं।
लिक्विडिटी स्रोत
जब लिक्विडिटी को सोर्स करने और ऑर्डर बुक को समृद्ध करने की बात आती है तो ब्रोकरेज और स्पॉट ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म की सेटिंग्स लगभग एक समान होती हैं।
क्रिप्टो स्पॉट एक्सचेंज आभासी कॉइन्स और टोकन को अत्यधिक उपलब्ध और किफायती बनाने के लिए संस्थागत निवेशकों, व्यक्तिगत क्रिप्टो धारकों और ट्रेडरों द्वारा फंड किए गए कई लिक्विडिटी पूलों का उपयोग करते हैं। उनके द्वारा प्राप्त लाइसेंस के आधार पर, उन्हें लिक्विडिटी प्रदाताओं की एक उच्च श्रेणी मिल सकती है।
दूसरी ओर, एक क्रिप्टोकरेंसी डेरिवेटिव्स ब्रोकर अपनी ब्रोकरेज वेबसाइट को वित्तीय संस्थानों, निवेश बैंकों, टियर-1 बैंकों और वित्तीय निगमों जैसे बड़ी संख्या में लिक्विडिटी प्रदाताओं से जोड़ सकते हैं।
इसी तरह, वे अपने सॉफ़्टवेयर कोप्राइम ब्रोकरों या प्राइम ऑफ़ प्राइम सेवाओंके माध्यम से सप्लाई कर सकते हैं जो कई पूलों से लिक्विडिटी को समेकित करते हैं और उन्हें ब्रोकर तक पहुँचाते हैं।
ब्रोकरेज लॉन्च करना: क्रिप्टो डेरिवेटिव्स बनाम स्पॉट
स्पॉट क्रिप्टो एक्सचेंज एक आकर्षक व्यावसायिक विचार है, विशेष रूप से उन ऑनलाइन स्टोर और ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर जो क्रिप्टोकरेंसी की व्यापक पहुँच और उनको अपनाने के साथ-साथ बिटकॉइन भुगतानकी सुविधा भी प्रदान करते हैं।
दूसरी ओर, क्रिप्टो कॉइन्स और टोकन के साथ डेरिवेटिव्स को ऑफर करना आपको अनुभवी निवेशकों को समायोजित करने में सक्षम बनाता है जो विविध ट्रेडिंग इंस्ट्रूमेंट्स की तलाश में होते हैं।
क्रिप्टो ब्रोकर तेज़ी से अपनी पेशकशों में स्पॉट ट्रेडिंग जोड़ रहे हैं, अपने कारोबार का विस्तार कर रहे हैं और बाज़ारों के ताज़ा रुझानों को समायोजित कर रहे हैं। यहाँ बताया गया है कि आप अपनी क्रिप्टो कंपनी कैसे लॉन्च कर सकते हैं।
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स ब्रोकरेज डेवलपमेंट
CFD ट्रेडिंग एक स्थापित बाज़ार है जहाँ पेशेवर ट्रेडर और संस्थागत निवेशक कॉइन्स को संग्रहीत किए बिना और ब्लॉकचेन से डील किए बिना क्रिप्टोकरेंसी और अन्य एसेटों का ट्रेड करते हैं।
इस प्रकार के लिए लिक्विडिटी और लाइसेंसिंग ज़्यादा प्लानिंग और विचारों की ज़रूरत होती है, और आप इस तरह से शुरुआत कर सकते हैं।
- एक व्यवसाय योजना बनाएँ और अपना लक्षित बाज़ार निर्धारित करें। कुछ न्यायक्षेत्रों को आपका लाइसेंस जारी करने के लिए दो-वर्षीय योजना की ज़रूरत होती है।
- अपनी कानूनी वैधता सुनिश्चित करने और आपको नवीनतम नियामक परिवर्तनों से अवगत कराने के लिए एक अनुपालन टीम नियुक्त करें।
- एक ऐसा ट्रेडिंग सॉफ़्टवेयर ढूँढे जिसे आप अपनी वेबसाइट पर जोड़ सकते हैं, जैसे कि MetaTrader या cTrader।
- अपने प्लेटफ़ॉर्म को लिक्विडिटी स्रोतों से जोड़ें। इन प्रदाताओं में निवेश बैंकों से लेकर हेज फंड, प्राइम ब्रोकरेज और प्राइम ऑफ प्राइम LPs शामिल हैं।
- फिएट और डिजिटल करेंसी का उपयोग करके फंड जमा करने और निकालने की सुविधा के लिए एक भुगतान गेटवे जोड़ें।
- अपने निवेशकों के पोर्टफोलियो को प्रबंधित करने और अपनी ट्रेडिंग गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए एक ब्रोकरेज टीम को नियुक्त करें।
- अपने व्यवसाय को बढ़ाने, अपने प्लेटफ़ॉर्म पर लोकप्रियता हासिल करने और अपना प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करने के लिए अपनी मार्केटिंग रणनीति का प्लान बनाएँ।
क्रिप्टो स्पॉट ब्रोकरेज डेवलपमेंट
अपना खुद का ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म बनाना लंबा और थकावट भरा हो सकता है लेकिन लाभदायक भी हो सकता है। क्रिप्टो समुदाय बढ़ रहा है, और लोग अपने डेटा और व्यक्तिगत गोपनीयता पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं, जो उन्हें पारंपरिक भुगतान विधियों के बजाय क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
शुरू से निर्माण:
- अपने व्यवसाय का एक प्लान बनाएँ और आने वाले वर्षों में अपने वित्तीय और बाज़ार लक्ष्य निर्धारित करें, जो आपकी कंपनी में निवेश लाने में सहायक हो सकते हैं।
- अपनी वेबसाइट पर API होस्टिंग को जोड़ें और उपयोगकर्ता अनुभव और भुगतान निष्पादन को बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी चीज़ों को एकीकृत करें। इनमें FIX API और अन्य ट्रेडिंग एप्लिकेशन शामिल हैं जो लाइव बाज़ार समाचार और मूल्य के बदलावों के बारे में सूचित करते हैं।
- क्रॉस-चेन और फिएट-क्रिप्टो एक्सचेंज की सुविधा के लिए क्रिप्टोकरेंसी, टोकन, स्टेबलकॉइन्स और ब्लॉकचेन की एक चयनित श्रृंखला का समर्थन करने के लिए एक ब्लॉकचेन-योग्य डेवलपर टीम को नियुक्त करें।
- प्रेषक के वॉलेट या मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टो लेनदेन की सुविधा के लिए एक भुगतान गेटवे जोड़ें और इस गेटवे की उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
टर्नकी समाधान का उपयोग करें:
अपने प्लेटफ़ॉर्म को शुरू से विकसित करने में बहुत समय लगता है, और आपको योजना, प्रोग्रामिंग, परीक्षण और लॉन्चिंग के कई चरणों की ज़रूरत होती है। इस प्रक्रिया को कई बार दोहराया जा सकता है जब तक कि आपको अपने ब्रोकरेज के लिए सही सेटिंग नहीं मिल जाती।
उसमें डेवलपर्स को काम पर रखने और प्रशिक्षण देने पर खर्च किए जाने वाले फंड और संसाधनों को जोड़ें और यह सुनिश्चित करें कि आपके पास अपने ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक उपयुक्त तकनीकी समर्थन और परीक्षण टीम है।
आप रेडी-टू-यूज़ ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्मका उपयोग करके इस यात्रा को बहुत आसान बना सकते हैं, जहाँ आप एक सप्ताह के भीतर बाज़ार में पहुँच सकते हैं।
BBP के साथ, आप निष्पादन समय में मामूली देरी के साथ क्रिप्टो और मानक वित्तीय बाज़ारों में अपने सेवा पैकेज को 3,000 वित्तीय इंस्ट्रूमेंट्स तक एक्सपैंड कर सकते हैं।
वाइट-लेबल क्रिप्टो डेरिवेटिव्स प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करना आपके भौगोलिक रूप से फैले हुए निवेशकों को बेहतर सेवा देने का सही तरीका है, और एक 24/7 काम करने वाली बहुभाषी तकनीकी समर्थन टीम का उपयोग कर आप अपने ग्राहकों को समय पर सहायता प्रदान कर सकते है।
पूर्व-निर्मित ब्रोकरेज समाधान का उपयोग करते समय जानने के लिए और भी बहुत कुछ है, जिससे समय, प्रयास और संसाधनों की बचत होती है और जो बाज़ार में सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टो ब्रोकरों के बीच इसे तेज़ बनाता है।
निष्कर्ष
डेरिवेटिव्स और स्पॉट क्रिप्टो ट्रेडिंग विकेंद्रीकृत बाज़ारों में वृद्धि से लाभ उठाने के दो लोकप्रिय तरीके हैं। निवेशक बिटकॉइन के मालिक होने और ट्रेड करने के लिए अत्यधिक प्रेरित हैं, विशेष रूप से BTC स्पॉट ETF का ट्रेड करने के लिए नवीनतम SEC अनुमोदन के साथ।
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स बनाम स्पॉट ट्रेडिंग की अलग-अलग व्यावसायिक सेटिंग्स और प्रेरणाएँ होती हैं।डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग ब्रोकरेजउन निवेशकों और पेशेवर ट्रेडरों के लिए प्रसिद्ध बाज़ार हैं जो क्रिप्टोकरेंसी पर फ्यूचर्स, ऑप्शंस और पर्पेचूअल कॉन्ट्रैक्ट का ट्रेड करना चाहते हैं।
हालाँकि, अपने ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग टूल जोड़ने से आप अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकते हैं और बाज़ार की ताज़ा वृद्धि का लाभ उठा सकते हैं। आप ट्रेडरों और कॉइन धारकों के बीच सीधे लेनदेन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं, जो अंततः आपके राजस्व और व्यवसाय को बढ़ा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
क्या क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग डेरिवेटिव्स से बेहतर है?
स्पॉट और डेरिवेटिव्स के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। एक स्पॉट, या OTC एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्म, उपयोगकर्ताओं के बीच क्रिप्टो के सीधे ट्रेड की सुविधा प्रदान करता है, जबकि डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग कॉन्ट्रैक्ट हैं जो निवेशकों को वॉलेट में संग्रहीत किए बिना क्रिप्टोकरेंसी से लाभ प्राप्त करने की अनुमति देते हैं।
क्रिप्टो स्पॉट ट्रेडिंग के क्या नुकसान हैं?
क्रिप्टो में स्पॉट ट्रेडिंग में ट्रेडिंग विकल्पों में कुछ सीमाएँ हैं, जहाँ आप केवल प्लेटफ़ॉर्म द्वारा समर्थित क्रिप्टो को खरीद, बेच और स्टोर कर सकते हैं। ट्रेडिंग बाज़ारों तक उनकी पहुँच भी सीमित होती है।
क्रिप्टो डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्टों के क्या नुकसान हैं?
लिवरेज और कॉउंटरपार्टी जोखिमों के साथ ट्रेड करना डेरिवेटिव्स क्रिप्टो ट्रेडिंग की दो मुख्य चुनौतियाँ हैं, जहाँ निवेशक अपने संभावित लाभ को बढ़ाने के लिए ब्रोकर के लिवरेज का उपयोग कर सकते हैं। हालाँकि, यह उनके जोखिमों को भी बढ़ाता है।
क्या डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग जोखिम भरी है?
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की जोखिम प्रबंधन रणनीति किसी भी ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म से जुड़े जोखिमों के समान ही है, जैसे कि लिक्विडिटी के मुद्दे, बाज़ार में अस्थिरता, लिवरेज ट्रेडिंग और जितना आप अफ़ोर्ड कर सकते हैं उससे ज़्यादा खोने की क्षमता।
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