इस लेख में

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Alexander Shishkanov

अलेक्जेंडर शिशकानोव के पास क्रिप्टो और फिनटेक उद्योग में कई वर्षों का अनुभव है और ब्लॉकचेन तकनीक की खोज करने का शौक है। अलेक्जेंडर क्रिप्टोकरेंसी, फिनटेक समाधान, ट्रेडिंग रणनीतियों, ब्लॉकचेन विकास और बहुत कुछ जैसे विषयों पर लिखते हैं। उनका मिशन व्यक्तियों को इस बारे में शिक्षित करना है कि इस नई तकनीक का उपयोग सुरक्षित, कुशल और पारदर्शी वित्तीय प्रणाली बनाने के लिए कैसे किया जा सकता है।

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शुद्धिकारक

Tamta Suladze

तमता जॉर्जिया में स्थित एक कंटेंट राइटर है, जिसके पास समाचार आउटलेट, ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टो व्यवसायों के लिए वैश्विक वित्तीय और क्रिप्टो बाजारों को कवर करने का पांच साल का अनुभव है। उच्च शिक्षा की पृष्ठभूमि और क्रिप्टो निवेश में व्यक्तिगत रुचि के साथ, वह नए क्रिप्टो निवेशकों के लिए जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने वाली जानकारी में तोड़ने में माहिर हैं। तमता का लेखन पेशेवर और प्रासंगिक दोनों है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उसके पाठकों को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और ज्ञान प्राप्त हो।

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ऑनशोर बनाम ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस: कौन सा बेस्ट है?

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FX ब्रोकरेज शुरू करने के इच्छुक प्रत्येक उद्यमी को अपने लाइसेंसके क्षेत्राधिकार पर निर्णय लेना होगा। ऑनशोर और ऑफशोर लाइसेंसिंग के बीच का निर्णय सीधे किसी कंपनी की कर देनदारियों, नियामक ज़रूरतों और परिचालन क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है। 

इस लेख का उद्देश्य ऑनशोर और ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस की व्यापक रूप से तुलना करना है, जो व्यवसायों को यह चुनने में मदद करता है कि कौन सा क्षेत्राधिकार उनके लिए सही है।

कुछ मुख्य बातें

  1. ऑनशोर क्षेत्राधिकार में FX ब्रोकरों के लिए सख्त परिचालन दिशानिर्देश होते हैं, जिनमें उच्च शुल्क, लंबे प्रसंस्करण समय और भौतिक उपस्थिति की ज़रूरतें शामिल होती हैं।
  2. ऑफशोर क्षेत्राधिकार कम शुल्क और तेज़ प्रसंस्करण समय के साथ ज़्यादा सरल नियामक वातावरण प्रदान करते हैं लेकिन यह ट्रेडरों के लिए अधिक जोखिम के साथ भी आते हैं।
  3. यूके, सिंगापुर और साइप्रस जैसे देश ऑनलाइन फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंसिंग के लिए प्रसिद्ध ऑनशोर क्षेत्राधिकार के उदाहरण हैं।
  4. ऑफशोर क्षेत्राधिकार के उदाहरणों में सेशेल्स, वानुअतु और बेलीज़ शामिल हैं।

ऑनशोर लाइसेंस का अवलोकन

ऑनशोर क्षेत्राधिकार विकसित देशों को संदर्भित करते हैं जो अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करते हैं और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) जैसे संगठनों द्वारा निर्धारित नियामक मानकों को पूरा करते हैं। 

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इन देशों ने कानूनी ढाँचा, मजबूत वित्तीय प्रणाली और सख्त उद्योग निगरानी स्थापित की है। इसके अलावा, उनके पास एक बड़ी घरेलू रीटेल ट्रेडिंग मार्किट है, जिसका अर्थ है कि इन क्षेत्राधिकारों में काम करने वाली कंपनियाँ अपने घरेलू मार्किट के हितों की रक्षा करने के अधीन हैं।

ऑनशोर नियामक लाइसेंस चाहने वाले फॉरेक्स ब्रोकरों पर कड़ी ज़रूरतें लागू करने के लिए जाने जाते हैं। इन ज़रूरतों में सख्त पूंजी और वित्तीय दायित्वों को पूरा करना, लंबे प्रसंस्करण समय और उच्च आवेदन, सक्रियण और वार्षिक शुल्क शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, एक ऑनशोर नियामक संस्था को कंपनी के अस्तित्व का प्रमाण, एक साफ़ आपराधिक रिकॉर्ड और वर्तमान कर रिटर्न की भी ज़रूरत हो सकती है। ये सख्त ज़रूरतें उनके क्षेत्राधिकार के अंदर FX बाज़ार की विश्वसनीयता और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए हैं।

इसके अलावा, ऑनशोर नियामकों को अक्सर कंपनियों को अपने क्षेत्राधिकार में भौतिक उपस्थिति की ज़रूरत होती है, कार्यालय और कर्मचारी स्थानीय स्तर पर स्थित होते हैं। इससे कंपनी के संचालन पर नज़दीकी पर्यवेक्षण और नियंत्रण की अनुमति मिलती है। कुछ मामलों में, केवल स्थानीय निवासी ही कुछ अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए इन क्षेत्राधिकारों में काम करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

ऑनशोर क्षेत्राधिकारों के उदाहरण

FX ब्रोकर लाइसेंसिंग के लिए प्रसिद्ध ऑनशोर क्षेत्राधिकारों के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

  • यूनाइटेड किंगडम
  • सिंगापुर
  • साइप्रस
  • हांग कांग
  • जर्मनी
  • स्विट्ज़रलैंड
  • लिथुआनिया
  • अमेरिका के कुछ राज्य

इन देशों में अत्यधिक विनियमित वित्तीय क्षेत्र है और ये अपनी सख्त नियामक ज़रूरतों के लिए जाने जाते हैं।

ऑनशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के लाभ

ऑनशोर FX ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के कई लाभ हैं:

  • उच्च प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता: ऑनशोर नियामकों द्वारा लगाई गई सख्त ज़रूरतों और निरीक्षण के कारण ऑनशोर लाइसेंस प्राप्त कंपनियों को ट्रेडरों और निवेशकों द्वारा ज़्यादा भरोसेमंद और विश्वसनीय माना जाता है। इससे व्यवसाय के अवसर बढ़ सकते हैं और ग्राहकों का विश्वास भी बढ़ सकता है।
  • स्थानीय बाज़ार तक पहुँच: जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, ऑनशोर कंपनियाँ कुशल कार्यबल, आपूर्तिकर्ताओं और बुनियादी ढाँचे जैसे स्थानीय संसाधनों तक पहुँच सकती हैं, जो परिचालन की दक्षता को बढ़ा सकती हैं और प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान कर सकती हैं।
  • इन्सेन्टिव्स और ग्रांट्स: ऑनशोर ब्रोकरों को विभिन्न प्रकार की सरकारी सहायता मिल सकती है, जैसे कि टैक्स इंसेंटिव, ग्रांट और अन्य वित्तीय सहायता। यह कंपनी के लिए विकास और विस्तार के अवसरों को बढ़ावा दे सकते हैं।
  • प्रभावी संचार: ऑनशोर कंपनियाँ अपने ग्राहकों, आपूर्तिकर्ताओं और हितधारकों के साथ समान भाषा और समय क्षेत्र साझा करती हैं, जिससे संचार ज़्यादा स्पष्ट और सुव्यवस्थित हो जाता है।
  • कम जोखिम: ऑनशोर कंपनियाँ अपने देश द्वारा प्रदान किए गए स्थिर आर्थिक माहौल में काम करती हैं, जिससे राजनीतिक और नियामक जोखिम कम हो जाते हैं।
  • खाता खोलने में आसानी: ऑनशोर लाइसेंस प्राप्त कंपनियाँ किसी भी बैंक में खाता खोल सकती हैं जो प्रासंगिक वित्तीय सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिससे फंड्स का प्रबंधन करना और व्यावसायिक लेनदेन करना आसान हो जाता है।
  • दोहरी टैक्स संधियों तक पहुँच: ऑनशोर काम करने वाली कंपनियाँ दोहरी टैक्स संधियों के लिए आवेदन कर सकती हैं, जो उनके टैक्स को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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ऑनशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के नुकसान

एक ऑनशोर FX ब्रोकर लाइसेंस अपनी कथित प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता के कारण कई कंपनियों के लिए एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। हालाँकि, इसमें कुछ महत्वपूर्ण कमियाँ भी हैं जिन पर अंतिम निर्णय लेने से पहले विचार किया जाना चाहिए:

  • व्यावसायिक संचालन में सीमित लचीलापन: ऑनशोर कंपनियों को अपने देश द्वारा लगाए गए सख्त नियमों और सीमाओं का पालन करना पड़ सकता है, जिससे बाज़ार की ज़रूरतों के अनुसार अपनी सेवाओं का विस्तार करने या अनुकूलन करने की उनकी क्षमता सीमित हो सकती है।
  • बहुत ज़्यादा समय लेने वाली आवेदन प्रक्रिया: ऑनशोर FX ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करना लंबा और जटिल हो सकता है, जिसके लिए विभिन्न सरकारी निकायों से व्यापक दस्तावेज़ीकरण और अनुमोदन की ज़रूरत होती है। इससे कंपनी के परिचालन में देरी हो सकती है और उसके विकास में बाधा आ सकती है।
  • उच्च पूंजी की ज़रूरतें: ऑनशोर क्षेत्राधिकार में FX ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए न्यूनतम पूंजी की ज़रूरतें ऑफशोर लाइसेंस लेने से ज़्यादा हो सकती हैं, जो छोटी या नई कंपनियों के लिए एक बहुत बड़ा वित्तीय बोझ हो सकता है।
  • राजनीतिक अस्थिरता के जोखिम: ऑनशोर क्षेत्राधिकार में काम करने वाली कंपनियाँ राजनीतिक बदलावों और अस्थिरता के प्रति संवेदनशील होती हैं, जो उनके व्यवसाय के संचालन और लाभप्रदता को प्रभावित कर सकते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों तक सीमित पहुँच: अपने स्थान, नियामक प्रतिबंधों, या बाज़ार में उपस्थिति की कमी के कारण, ऑनशोर कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को आकर्षित करने और उन्हें अपने साथ बनाए रखने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
  • बढ़ी हुई अनुपालन लागत: ऑनशोर व्यवसाय अक्सर सख्त अनुपालन ज़रूरतों और ऑडिट के अधीन होते हैं, जिसके कारण उन को उच्च परिचालन लागत देनी पड़ सकती है और उनके आधार पर असर पड़ सकता है।
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ऑफशोर लाइसेंस का अवलोकन

ऑफशोर क्षेत्राधिकार, या टैक्स के लिए जन्नत, कंपनियों को ज़्यादा सरल और लचीला नियामक वातावरण प्रदान करते हैं। इन देशों में आमतौर पर अनिवासी कंपनियों के लिए टैक्स की दरें कम होती हैं या बिलकुल भी टैक्स नहीं होता है, जिससे वे आकर्षक व्यावसायिक गंतव्य बन जाते हैं।

ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करना ऑनशोर क्षेत्राधिकारों की तुलना में तेज़ और कम जटिल होता है। अधिकांश ऑफशोर नियामकों की ज़रूरतें, फीस और प्रसंस्करण का समय कम होता है। कुछ मामलों में, कंपनियाँ आवेदन के कुछ ही महीनों के अंदर लाइसेंस प्राप्त कर सकती हैं।

ऑफशोर नियामकों के पास व्यवसायों को अपने अधिकार क्षेत्र में आकर्षित करने के लिए लाभ-संचालित इन्सेन्टिव्स होते है, जिससे FX ब्रोकरों के लिए बाज़ार में प्रवेश करनाआसान हो जाता है। इसके कारण, इन ऑफशोर लाइसेंसों में कम सख्त पूंजी और वित्तीय ज़रूरतें, न्यूनतम प्रशासनिक दायित्व और कंपनियों के लिए भौतिक उपस्थिति की ज़रूरत नहीं होती हैं।

हालाँकि, विनियमन के प्रति यह उदार दृष्टिकोण अपने जोखिमों के साथ आता है। ऑफशोर क्षेत्राधिकारों में व्यापारियों के लिए कम व्यापक निरीक्षण और कम सुरक्षा हो सकती है, जिससे वे धोखाधड़ी और घोटालों के प्रति संवेदनशील हो सकते हैं।

ऑफशोरिंग के प्रकार

ऑफशोरिंग कई प्रकार की होती है:

  • बिज़नेस ऑफशोरिंग: कम श्रम लागत और अधिक अनुकूल टैक्स वातावरण का लाभ उठाने के लिए एक कंपनी अपने कुछ या सभी कार्यों को दूसरे देश में ले जाती है।
  • निवेश ऑफशोरिंग: इसमें उच्च नेट वर्थ वाले निवेशक शामिल होते हैं जो ऐसे ऑफशोर निवेश खाते खोलते हैं, जो पर्याप्त आर्थिक लाभ प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि फायदेमंद टैक्स स्टेटस, एसेट की सुरक्षा और गोपनीयता।

ऑफशोर क्षेत्राधिकारों के उदाहरण

FX ब्रोकर लाइसेंसिंग के लिए कुछ सबसे प्रसिद्ध ऑफशोर क्षेत्राधिकारों में शामिल हैं:

  • सेशेल्स
  • वानुअतु
  • नेविस
  • आइल ऑफ मैन
  • कुराकाओ
  • कोमोरोस
  • बेलीज़

ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के लाभ

हालाँकि ऑनशोर और ऑफशोर दोनों क्षेत्राधिकार FX ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के लिए लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन ऑफशोर स्थान चुनने के कुछ विशिष्ट लाभ हैं। इनमें शामिल हैं:

  • बेहतर टैक्स परिस्थियाँ: ऑफशोर FX लाइसेंस प्राप्त करने के सबसे महत्वपूर्ण लाभों में से एक टैक्स के लाभ की ज़्यादा संभावना है। कई ऑफशोर क्षेत्राधिकार टैक्स की कम दरें या यहाँ तक कि टैक्स में पूरी छूट की पेशकश करते हैं, जिससे व्यवसायों को अपने टैक्स के बोझ को कम करने और ज़्यादा लाभ बनाए रखने की अनुमति मिलती है।
  • लाइसेंस अक्सर अधिक किफायती होते हैं: ऑफशोर क्षेत्राधिकार में वित्तीय लाइसेंस प्राप्त करना ऑनशोर क्षेत्राधिकार की तुलना में अक्सर अधिक किफायती होता है। यह सीमित बजट वाले नए या छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से लाभदायक हो सकता है, जिससे उन्हें कम लागत पर बाज़ार में प्रवेश करने और लंबे समय में संभावित रूप से मुनाफ़े को बढ़ाने की अनुमति मिलती है।
  • उच्च स्तर की गोपनीयता: ऑफशोर क्षेत्राधिकारों में अक्सर सख्त गोपनीयता कानून होते हैं, जो व्यवसायों और उनके मालिकों, निदेशकों और शेयरधारकों के लिए उच्च स्तर की गोपनीयता प्रदान करते हैं। इससे विशेष रूप से उन लोगों को लाभ हो सकता है जो अपने व्यावसायिक संचालन में गोपनीयता को ज़्यादा महत्व देते हैं।
  • वैश्विक बाज़ारों तक पहुँचने की क्षमता: एक ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर के पास आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक बेहतर पहुँच होती है, जो विकास के नए अवसर प्रदान करती है और जिससे घरेलू बाज़ार पर उसकी निर्भरता कम हो जाती है।
  • एसेट सुरक्षा: मजबूत कानूनी सुरक्षा के साथ ऑफशोर क्षेत्राधिकार में एसेट को रखकर, व्यवसाय संभावित कानूनी निर्णयों और मुकदमों से अपने एसेटों की रक्षा कर सकते हैं। यह संभावित रूप से उच्च जोखिम वाले वातावरण में काम करने वाले व्यवसायों के लिए मानसिक शांति प्रदान कर सकता है।
  • कम नियामक ज़रूरतें: कुछ मामलों में, ऑफशोर क्षेत्राधिकारों में ऑनशोर क्षेत्राधिकारों की तुलना में कम अधिनियम हो सकते हैं, जिससे व्यवसायों के लिए संचालन करना आसान हो जाता है और अनुपालन लागत कम हो जाती है। यह सीमित संसाधनों वाले छोटे व्यवसायों के लिए विशेष रूप से लाभदायक साबित हो सकता है।
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ऑफशोर फॉरेक्स ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करने के नुकसान

एक ऑफशोर FX ब्रोकर लाइसेंस प्राप्त करना कुछ लोगों को आकर्षक लग सकता है, लेकिन निर्णय लेने से पहले इनसे जुड़ी कई कमियों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाना भी ज़रूरी है। ये कमियाँ किसी ऑफशोर कंपनी की सफलता और प्रतिष्ठा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।

  • विभिन्न नियामक ढाँचों से जुड़े जोखिम: ऑफशोर ब्रोकर विदेशी क्षेत्राधिकार के कानूनों और अधिनियमों के अधीन होते हैं, जो उनके अपने देश से काफी अलग हो सकते हैं। इससे कंपनी के लिए भ्रम और संभावित कानूनी समस्याएँ पैदा हो सकती हैं।
  • नकारात्मक सार्वजनिक धारणा: सामान्य गलत धारणा के कारण जनता ऑफशोर कंपनियों को नकारात्मक रूप से देख सकती है कि वे टैक्स से बचने या चोरी में संलग्न हैं। यह नकारात्मक धारणा कंपनी की प्रतिष्ठा और ब्रांड छवि को भी प्रभावित कर सकती है।
  • स्थानीय संसाधनों तक सीमित पहुँच: ऑफशोर विनियमित ब्रोकरों को कुशल कार्यबल, आपूर्तिकर्ताओं और बुनियादी ढाँचे जैसे स्थानीय संसाधनों तक पहुँच हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इससे उनके संचालन और विकास क्षमता में बाधा आ सकती है।
  • अनिवार्य वार्षिक शुल्क: कई ऑफशोर क्षेत्राधिकारों में ब्रोकरों को अपने वित्तीय लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए वार्षिक शुल्क देने की ज़रूरत होती है, जिससे एक ऑफशोर कंपनी के संचालन की कुल लागत बढ़ सकती है।
  • स्थानीय व्यापार संचालन पर प्रतिबंध: कुछ ऑफशोर क्षेत्राधिकार कंपनियों को पंजीकरण के देश के अंदर व्यापार करने से प्रतिबंधित करते हैं। इससे कंपनी के संभावित बाज़ार और विकास के अवसर सीमित हो सकते हैं।
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अपने व्यवसाय के लिए सही क्षेत्राधिकार चुनना

अच्छा तो फ़िर, आपके फॉरेक्स व्यवसाय के लिए कौन सा क्षेत्राधिकार बेस्ट है? उत्तर आपकी कंपनी के साइज़, बजट और लक्षित बाज़ार सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है।

बड़े बजट और घरेलू बाज़ार की सेवा पर ध्यान केंद्रित करने वाली स्थापित कंपनियों के लिए ऑनशोर क्षेत्राधिकार अधिक उपयुक्त हो सकते हैं। ये लाइसेंस संभावित ग्राहकों को विश्वसनीयता और विश्वासपात्रता पेश करते हैं, जो ग्राहकों की एक बड़ी संख्या को आकर्षित कर सकते हैं।

इसके विपरीत, सीमित बजट और वैश्विक बाज़ार लक्ष्य वाली छोटी कंपनियों के लिए ऑफशोर क्षेत्राधिकार अधिक ज़्यादा विकल्प हो सकता है। ये लाइसेंस फ्लेक्सीबिलटी और सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे व्यवसायों को जल्दी और कम लागत पर बाज़ार में प्रवेश करने की अनुमति मिलती है।

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निष्कर्ष

यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि दोनों प्रकार के लाइसेंसों के लिए कुछ कानूनी और नियामक मानकों के अनुपालन की ज़रूरत होती है। इसलिए, निर्णय लेने से पहले उचित विचार करना और सभी पहलुओं को समझना महत्वपूर्ण है।

आपको ऑफशोर और ऑनशोर वित्तीय लाइसेंस प्राप्त करने में अनुभवी पेशेवरों से भी मार्गदर्शन लेना चाहिए। वे आपकी व्यावसायिक ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए सबसे उपयुक्त क्षेत्राधिकार चुनने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

मैं एक फॉरेक्स लाइसेंस कैसे प्राप्त कर सकता/सकती हूँ?

एक FX लाइसेंस प्राप्त करने के लिए, आपको उस देश या क्षेत्राधिकार के विशिष्ट नियमों और ज़रूरतों का पालन करना होगा जहाँ आप काम करने की योजना बना रहे हैं। ये ज़रूरतें आपके स्थान के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन आम तौर पर इसमें शामिल होते हैं:

  • अपने व्यवसाय को उचित सरकारी एजेंसी के साथ पंजीकृत करना।
  • अपनी कंपनी के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करना, जिसमें उसकी संरचना, शेयरधारक और निदेशक शामिल हैं।
  • संभावित जोखिमों और देनदारियों को कवर करने के लिए पर्याप्त पूंजीकरण का प्रदर्शन।
  • वित्तीय सेवा व्यवसाय संचालित करने के लिए ज़रूरी परमिट और लाइसेंस प्राप्त करना।
  • AML और KYC अधिनयमों का अनुपालन करना।

लाइसेंस प्राप्त करने में कितना समय लगता है?

लाइसेंस प्राप्त करने में लगने वाला समय ऑनशोर और ऑफशोर ब्रोकरों के लिए बहुत हद तक अलग हो सकता है। सामान्य तौर पर, सख्त अधिनियमों और ज़्यादा व्यापक आवेदन प्रक्रियाओं के कारण ऑनशोर FX लाइसेंस प्राप्त करने में ज़्यादा समय लग सकता है। दूसरी ओर, क्षेत्राधिकार की विशिष्ट ज़रूरतों के आधार पर ऑफशोर लाइसेंस ज़्यादा तेज़ी से प्राप्त किए जा सकते हैं।

लाइसेंस प्राप्त करने से संबंधित सामान्य लागतें क्या हैं?

फॉरेक्स लाइसेंस प्राप्त करने से जुड़ी लागतें उस देश या क्षेत्राधिकार के आधार पर बहुत हद तक अलग हो सकती है जहाँ आप काम करने की योजना बना रहे हैं। आम तौर पर, लाइसेंस की कीमत $30,000 से $60,000 तक कुछ भी हो सकती है। इसके अतिरिक्त, अन्य शुल्क और खर्च भी हो सकते हैं, जैसे कानूनी और परामर्श शुल्क, बैकग्राउंड की जाँच, आवेदन शुल्क और बहुत कुछ।

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अलेक्जेंडर शिशकानोव के पास क्रिप्टो और फिनटेक उद्योग में कई वर्षों का अनुभव है और ब्लॉकचेन तकनीक की खोज करने का शौक है। अलेक्जेंडर क्रिप्टोकरेंसी, फिनटेक समाधान, ट्रेडिंग रणनीतियों, ब्लॉकचेन विकास और बहुत कुछ जैसे विषयों पर लिखते हैं। उनका मिशन व्यक्तियों को इस बारे में शिक्षित करना है कि इस नई तकनीक का उपयोग सुरक्षित, कुशल और पारदर्शी वित्तीय प्रणाली बनाने के लिए कैसे किया जा सकता है।

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शुद्धिकारक

Tamta Suladze

तमता जॉर्जिया में स्थित एक कंटेंट राइटर है, जिसके पास समाचार आउटलेट, ब्लॉकचेन कंपनियों और क्रिप्टो व्यवसायों के लिए वैश्विक वित्तीय और क्रिप्टो बाजारों को कवर करने का पांच साल का अनुभव है। उच्च शिक्षा की पृष्ठभूमि और क्रिप्टो निवेश में व्यक्तिगत रुचि के साथ, वह नए क्रिप्टो निवेशकों के लिए जटिल अवधारणाओं को आसानी से समझने वाली जानकारी में तोड़ने में माहिर हैं। तमता का लेखन पेशेवर और प्रासंगिक दोनों है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उसके पाठकों को मूल्यवान अंतर्दृष्टि और ज्ञान प्राप्त हो।

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