b2broker
B2BROKER

विदेशी मुद्रा मेकर हेरफेर क्या होता है और उससे बचा कैसे जा सकता है?

लेख
Upd
9m
How Forex Market Maker Manipulation Works

विदेशी मुद्रा दुनिया ने इक्कीसवीं सदी में काफ़ी तरक्की की है। पुराने ज़माने में सिर्फ़ अनेक लाइसेंसों, इंडस्ट्री कनेक्शनों, और भारी-भरकम पूंजी से लैस ट्रेडर ही इस बाज़ार को एक्सेस कर विश्वसनीय मुनाफ़ा कमा सकते थे।

आज की तारीख में कम या बिल्कुल ही अनुभव न रखने वाले लोग भी FX जगत में प्रवेश कर उसके बुनियादी सिद्धांतों को बेरोकटोक सीख सकते हैं। नतीजतन, विदेशी मुद्रा के काम को दुनियाभर में नए ट्रेडरों, स्टार्ट-अप्स, और पार्ट टाइम मुनाफ़ा कमाने की चाह रखने वाले लोगों के लिए जाना जाने लगा है। 

लेकिन हालिया डिजिटल इनोवेशनों और उपकरणों के बावजूद विदेशी मुद्रा बाज़ारों ने किसी पर भी कोई नरमी नहीं बरती है। आज के ज़माने में आप बहुत आसानी से अपने समूचे विदेशी मुद्रा पोर्टफ़ोलियो से हाथ धो बैठ सकते हैं। इस लेख में हम रिटेल निवेशकों के पोर्टफ़ोलियो को भारी नुकसान पहुँचाने वाले सबसे आम जोखिमों में से एक के बारे में बात करेंगे – विदेशी मुद्रा बाज़ार के मेकरों द्वारा किए जाने वाले हेरफेर

प्रमुख बिंदु

  1. मार्केट मेकर विदेशी मुद्रा बाज़ार में बिड-आस्क ऑफ़रिंग्स के माध्यम से लिक्विडिटी वितरित करने वाले बड़े-बड़े संगठन होते हैं।
  2. फ़्रंट रनिंग, स्टॉप लॉस हंटिंग, और स्प्रेड्स के माध्यम से मार्केट मेकर्स बाज़ार के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।
  3. छेड़छाड़ को रोकने का प्रयास करने के लिए कई नियम-कायदे हैं, लेकिन सावधानी बरतने वाले मार्केट मेकरों को रोकने में वे बेअसर साबित हुए हैं।
  4. छेड़छाड़ को रोकने के लिए बाज़ार की गहरी जानकारी और अस्थिरता मेट्रिक्स की अच्छी-खासी समझ ज़रूरी होती है।

विदेशी मुद्रा के संदर्भ में मार्केट मेकर किसे कहते हैं?

विदेशी मुद्रा में एक बेशकीमती भूमिका निभाने वाले मार्केट मेकर्स विभिन्न चैनलों के माध्यम से वित्तीय लिक्विडिटी प्रदान कर सक्रिय रहने में इंडस्ट्री की मदद करते हैं। ज़रूरत पड़ने पर मुद्रा की पर्याप्त आपूर्ति कर और अपने कोट्स के उचित दाम रखकर MM एक्टिविटी ग्रोथ को सुविधाजनक बना देते हैं। 

नतीजतन, अपनी मुद्रा ऑफ़रिंग्स में वित्तीय बाज़ार को किसी कमी का अनुभव नहीं होता है, जिसके चलते रिटेल ट्रेडर बेहतरीन कीमतों पर, बिना किसी देरी के जोड़ो की खरीद-फ़रोख्त कर पाते हैं। 

बड़े-बड़े वित्तीय संस्थानों, प्राइम ब्रोकरेजों, लिक्विडिटी प्रदाताओं और विभिन्न भूमिकाएँ अदा करने वाली हाइब्रिड कंपनियों समेत मार्केट मेकर मॉडल कई प्रकार का हो सकता है। 

विदेशी मुद्रा जगत में अंतर्राष्ट्रीय और केंद्रीय बैंक सबसे बड़े मार्केट मेकर्स होते हैं, जिसके चलते ग्राहक डिपॉज़िट्स और ऋण ब्याज भुगतान से आने वाले लगभग असीमित मुद्रा फ़ंड्स तक उनकी पहुँच होती है। 

इसलिए मार्केट मेकर्स का नाम विदेशी मुद्रा के सबसे अहम खिलाड़ियों में आता है, खासकर बात जब लिक्विडिटी सोर्सिंग की सख्त ज़रूरत रखने वाले अस्थिर या अस्थायी रूप से अस्थिर मुद्रा सेक्टरों की हो। 

मार्केट मेकर्स पैसा कैसे बनाते हैं?

विदेशी मुद्रा इंडस्ट्री के स्वास्थ्य में अपने योगदान के बावजूद किसी मार्केट मेकिंग फ़र्म का ध्यान हमेशा बॉटम लाइन पर ही केंद्रित रहता है। किसी भी और बिज़नस मॉडल की तरह, मार्केट मेकिंग रणनीति का लक्ष्य बाज़ार के अन्य भागीदारों को लिक्विडिटी प्रदान कर मुनाफ़ा जैनरेट करना ही होता है। 

आमतौर पर मार्केट मेकर हर मुद्रा जोड़े के लिए बिड और आस्क कीमतों को फ़ीचर करने वाले ऑनलाइन या एक्सचेंज प्लेटफ़ॉर्मों के माध्यम से फ़ंड्स सप्लाई करते हैं। मान लीजिए कि कोई मार्केट मेकर मुद्रा X को $1.25 पर बेचकर उसे $1.10 पर खरीद लेता है। ऐसे में उसका प्रॉफ़िट मार्जिन, जिसे स्प्रेड भी कहा जाता है, $0.15 का होता है। 

क्या आपको अपने ब्रोकरेज सेटअप से जुड़ा कोई सवाल है?

हमारी टीम आपकी मदद के लिए तैयार है — चाहे आप शुरुआत कर रहे हों या विस्तार।


उपर्युक्त मार्जिन मार्केट मेकर्स की रोज़ी-रोटी होते हैं। इन्हीं मार्जिन्स की बदौलत ही ऊँचे दामों पर बिक्री और कम दामों पर खरीदारी कर वे अच्छे-खासे मुनाफ़े जो कमाते हैं। लेकिन बाज़ार में वाइड स्प्रेड्स डाल देने से आम जनता उनके मुद्रा ऑप्शन्स को सक्रिय रूप से खरीदने-बेचने से परहेज़ करेगी। इसलिए मार्केट मेकर्स के लिए स्प्रेड्स को ज़्यादा से ज़्यादा टाइट रखना ज़रूरी होता है। 

क्या विदेशी मुद्रा बाज़ार से छेड़छाड़ की जा सकती है?

उपर्युक्त विश्लेषण के अनुसार, विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग जगत के साथ परस्पर फायदेमंद संबंध रखने वाले मार्केट मेकर्स लिक्विडिटी गैप्स को सुविधाजनक बनाते हैं, उचित अवधियों पर कमी की आपूर्ति करते हैं, और बदले में अच्छे-खास स्प्रेड मुनाफ़े प्राप्त करते हैं। 

लेकिन ज़्यादातर मार्केट मेकर कंपनियाँ अपनी ताकत का दुरुपयोग भी कर सकती हैं। विशिष्ट मुद्रा जोड़ों को वितरित करने और बिड-आस्क कीमतों को सेट करने की अपनी क्षमता के चलते विशिष्ट सेक्टरों को भारी रूप से प्रभावित कर वे हवाओं को अपनी दिशा में मोड़ सकते हैं। 

इसलिए हालांकि इसकी रोकथाम के लिए कई नियम बनाए गए हैं, अपनी लाभकारिता में वृद्धि लाने के लिए मार्केट मेकर्स कई हथकंडों का इस्तेमाल कर विदेशी मुद्रा में हेरफेर कर ही लेते हैं। बाज़ार के साथ छेड़छाड़ कर अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मार्केट मेकर्स कई रणनीतियों का इस्तेमाल करते हैं। 

छेड़छाड़ की विभिन्न रणनीतियाँ

स्प्रेड से छेड़छाड़ इसकी सबसे प्रमुख रणनीति होती है, जिसके तहत मार्केट मेकर्स अन्य मुद्राओं को खरीदने के लिए या फिर बदतर मामलों में खरीदारी के असामान्य रूप से बड़े मार्जिन्स के साथ सौदे करने के लिए रिटेल ट्रेडरों को प्रेरित कर सकते हैं। इसके अलावा, जोखिमपूर्ण या अस्थिर मुद्राओं को खरीदने के लिए अनुभवहीन ट्रेडरों को प्रेरित करने के लिए स्प्रेड मार्जिन्स को स्टैंडर्ड से भी कम किया जा सकता है। 

दूसरी रणनीति फ़्रंट रंनिंग होती है, जिसके तहत मार्केट मेकर्स बाज़ार के भागीदारों से पहले ही विशिष्ट मुद्राओं की भारी मात्राओं की खरीद-फ़रोख्त कर लेते हैं। 

मार्केट मेकर्स के पास अंदर की ट्रेडिंग जानकारी की खबर होती है, जिसके चलते उन्हें इस बात की अच्छी-खासी समझ होती है कि आने वाले दिनों में क्या हो सकता है और क्या नहीं। फलस्वरूप, आम जनता के सामने सबसे बेहतरीन सौदे एक्सीक्यूट कर वे रिटेल ट्रेडिंग जगत के अधिकतम मुनाफ़े को अपनी जेब में डाल लेते हैं। 

How Front-Running Works

आखिरकार, स्टॉप लॉस हंटिंग के तहत मार्केट मेकर्स कुछ खास उद्देश्यों के लिए स्प्रेड्स से छेड़छाड़ करते हैं। मान लीजिए कि बाज़ार में किसी खास मुद्रा की ऊँची माँग है। इस मुद्रा के मूल्य में गिरावट आ जाने पर कई निवेशकों के एकाउंट्स पर स्टॉप लॉस ऑर्डर लग जाएँगे। 

एसेट की कीमत में बनावटी गिरावट लाकर बिक्री का भारी दबाव बनाकर कभी-कभी कोई मार्केट मेकर कंपनी स्टॉप लॉस हंटिंग कर सकती है। 

Stop-Loss Hunting Concept

इस रणनीति के चलते मार्केट मेकर्स छोटी-छोटी मुद्राओं के ऊपर अपना प्रभुत्व स्थापित कर सकते हैं, जिससे वित्तीय बाजारों में उनका एकाधिकार हो जाता है और उस मुद्रा पर अनुचित कीमतें सेट हो जाती हैं।

विदेशी मुद्रा मार्केट मेकर हेरफेर से कैसे बचें?

हालांकि सभी MM का इरादा बाज़ार से छेड़छाड़ का नहीं होता, FX इंडस्ट्री में उपर्युक्त दुर्भावनापूर्ण प्रथाओं की भरमार है। बदकिस्मती से, फ़्रंट रंनिंग या स्टॉप लॉस हंटिंग के खिलाफ बनाए गए नियम-कायदों को आधी-अधूरी सफलता ही मिल सकी है। 

रिटेल ट्रेडर सिर्फ़ अपनी सूझबूझ और अनुभव से ही अपना बचाव कर सकते हैं। इसलिए विदेशी मुद्रा बाज़ार में हेराफेरी वाली प्रथाओं से बचने के लिए आप इन अनेक बेहतरीन रणनीतियों को अपना सकते हैं। 

विदेशी मुद्रा बाज़ार को समझकर अस्थिरता से बचें

FX इंडस्ट्री बेहद जटिल है व इसमें अनेक अधिकार क्षेत्र, राजनीतिक सीमाएँ, मुद्रा फ़्लो, और अलग-अलग समय पर बाज़ार को प्रभावित करने वाली अप्रत्याशित जटिलताओं का सामना करना पड़ता है। रिटेल ट्रेडरों के लिए विदेशी मुद्रा सेक्टर की ठोस समझ रखकर निष्पक्ष ट्रेडिंग की अवधारणा और मार्केट मेकिंग के बुनियादी सिद्धांतों को समझना अहम हो जाता है। 

Tips to Avoid FX Market Manipulation

सप्लाई और डिमांड व मुद्राओं की अस्थिरता और वितरण की अवधारणाओं की थोड़ी गहराई से छानबीन कर ट्रेडर इस बात को बेहतर ढंग से समझ पाएँगे कि बाज़ार की साथ छेड़छाड़ कैसे की जा सकती है और एग्रेसिव ट्रेडिंग करने का गलत समय कौनसा होता है। 

इसके अलावा, अस्थिरता स्तरों का आकलन कर ट्रेडरों को सबसे कम हेरफेर वाले विदेशी मुद्रा स्तरों की खोज करनी चाहिए। एक नियम के तौर पर, ज़्यादा अस्थिर और अस्थिर होने की भारी संभावनाओं वाले मुद्रा सेक्टरों को प्रभावित करना ज़्यादा आसान होता है। 

500+ ब्रोकरेज को शक्ति देने वाले टूल्स की खोज करें

हमारे संपूर्ण इकोसिस्टम का अन्वेषण करें — लिक्विडिटी से लेकर CRM और ट्रेडिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तक।


दूसरी तरफ़, बेहतर नियामक सावधानी और इन सेक्टरों के बड़े आकार के चलते USD और EUR जैसी स्थापित मुद्राओं से छेड़छाड़ करना मुश्किल होता है। लेकिन इस चाल के तहत अभी भी अस्थिरता से बची हुई कम जानी-मानी मुद्राओं की खोज की जाती है, जिसके लिए इस फ़ील्ड में काफ़ी विशेषज्ञता की ज़रूरत होती है। 

लाइसेंसों और नियमों वाले ब्रोकरों की खोज करें

ऊँचे मूल्यों वाले लाइसेंसों से लैस और कड़े नियमों का पालन करने वाले ब्रोकरों के साथ साझेदारी करना अहम होता है, ताकि ट्रेडर उनके पैसे को दाँव पर लगाकर की जाने वाली नुकसानदेह विदेशी मुद्रा प्रथाओं से अपना बचाव कर सकें। 

ऑर्डरों को फ़्रंट रनिंग या फिर स्टॉप लॉस हंटिंग रणनीतियों को अपनाने वाले एक्सचेंजों की ओर राउट कर बेईमान ब्रोकर विदेशी मुद्रा हेरफेर रणनीति में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में, काउंटरपार्टी का खुलासा किए बगैर ऑर्डरों को राउट करने वाले डिस्काउंट ब्रोकरों के साथ साझेदारी करना इस माहौल में खतरनाक होता है। 

अमेरिकी या यूरोपीय क्षेत्रों में एलीट लाइसेंसों वाले ब्रोकरों के साथ काम करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इन्हीं अधिकार-क्षेत्रों में बाज़ार से छेड़छाड़ करने वाली प्रथाओं के खिलाफ सबसे ज़्यादा नियम-कायदे हैं। 

हालांकि इससे दुर्भावनापूर्ण ट्रेडिंग गतिविधियों से आपकी पूरी तरह रक्षा तो नहीं होगी, अनियमित या संदिग्ध ब्रोकरेज एजेंसियों के साथ साझेदारी करने से तो यह कहीं ज़्यादा सुरक्षित ही साबित होगा। 

अंतिम विचार – विदेशी मुद्रा बाज़ार से की जाने वाली छेड़छाड़ से बचना

अपने स्वभाव से ही विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग जगत का झुकाव हेरफेर की ओर होता है। मार्केट मेकर्स के पास इतनी ज़्यादा ताकत होती है कि तटस्थ रहकर अपनी क्षमताओं का दुरुपयोग करने से बचना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। हेरफेर वाली प्रथाओं को कम करने के नियामक संस्थाओं के प्रयासों के बावजूद नौसिखियों ट्रेडरों की गलतियों और अनुभवहीनता से मार्केट मेकर्स को भारी मुनाफ़ा होता है। इसलिए विदेशी मुद्रा जगत में प्रवेश करने से पहले बाज़ार की अवधारणाओं को अच्छे से समझकर आपको यह जान लेना होगा कि कभी भी हेरफेर के किन-किन हथकंडों से आपका पाला पड़ सकता है। ऐसा करके आप कम जोखिमपूर्ण फ़ैसले लेकर बड़े-बड़े मार्केट मेकर्स द्वारा बिछाए गए स्टॉप लॉस हंटिंग, फ़्रंट रनिंग, या स्प्रेड छेड़छाड़ के जाल में फँसने से बच जाएँगे।

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें

शुरू करें

हमारी टीम समाधान प्रस्तुत करेगी, डेमो केस दिखाएगी और एक व्यावसायिक प्रस्ताव प्रदान करेगी।